सार
सरकारी अध्यापक ने राशन कार्ड वापस देते हुए कहा कि साहब मैं सरकारी अध्यापक हूं। वर्तमान पोस्टिंग बिजनौर में है। कृपया मेरी पत्नी प्रेमलता के नाम जारी कार्ड को वापस ले लो। योगेश का वेतन 40 हजार रूपये है। आयकरदाता के साथ उनके पास कार भी है।
गाजियाबाद: यूपी में उठ रहे राशन कार्ड मामले के बाद राशन कार्ड सरेंडर करने के तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं। एक सरकारी अध्यापक ने राशन कार्ड वापस देते हुए कहा कि साहब मैं सरकारी अध्यापक हूं। वर्तमान पोस्टिंग बिजनौर में है। कृपया मेरी पत्नी प्रेमलता के नाम जारी कार्ड को वापस ले लो।
वेतन की जानकारी देते हुए वापस किया राशन कार्ड
जिला पूर्ति कार्यालय में पहुंचे घूकना निवासी सरकारी अध्यापक योगेश वर्मा ने अर्जी देते हुए राशन कार्ड वापस कर दिया है। योगेश का वेतन 40 हजार रूपये है। आयकरदाता के साथ उनके पास कार भी है।
कार्ड धारकों से नहीं होगी कोई वसूली
जिला पूर्ति अधिकारी डा. सीमा ने बताया कि खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू द्वारा आदेशों के क्रम में अपात्र कार्ड धारक से लिए गए खाद्यान्न की वसूली संबंधी आदेश को बदल दिया गया है। अब किसी भी कार्ड धारक से कोई वसूली नहीं होगी। उनका दावा है कि वसूली का कोई प्रविधान नहीं है। इस संबंध में कभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
हजारों राशन कार्ड किए गए सरेंडर
बता दें रि 6,510 अपात्रों ने राशन कार्ड सरेंडर किए है। कलक्ट्रेट के अलावा तहसील सदर, लोनी और मोदीनगर में कार्ड वापस करने वालों की लंबी कतारें लग रही हैं। अधिकांश लोग कार, एसी और तीन लाख से अधिक वार्षिक आय बताकर कार्ड वापस कर रहे हैं।
मटियाला निवासी रजनीश कुमार ने बताया कि मेरे पास जमीन है। ट्रैक्टर है और कार भी है। कार्ड वापस कर दिया है। वहीं, चिरंजीव विहार निवासी सिमरन ने बताया कि मेरे पास मकान, कार, एसी के साथ सालाना आय तीन लाख रूपये से अधिक है। इसलिए कार्ड वापस कर दिया है।
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