लखनऊ: एक ओर समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव लगातार सोशल मीडिया पर विभिन्न मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने की आये दिन कोशिश किया करते हैं। वहीं दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के कद्दावार नेता आजम खान के पुत्र और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने सपा की हार का जिम्मेदार पार्टी प्रवक्ता रामगोपाल यादव को बता डाला है। इसमें अखिलेश के करीबी उदयवीर सिंह भी लपेटे में आये हैं। खास बात यह है कि अब्दुल्ला के ट्वीट को लेकर सपा में ही अंदरूनी घमासान शुरू हो चुका है। 

अन्दरूनी कलह की असली वजह क्या है 

दरसअल, वरिष्ठ सपा नेता आजम खां के जेल जाने के बाद से समाजवादी पार्टी में यह बात सामने आने लगी थी कि अब मुसलमानों के पक्ष की बात रखने वाला कोई और पार्टी में बचा ही नहीं है। भले ही पार्टी को मुसलमानों का हिमायती बताया जाता रहा हो, लेकिन आजम खां के अलावा पार्टी का शायद ही कोई नेता हो, जो मुसलमानों का खुलकर पक्षकार बनकर सामने आया हो। पिता के जेल जाने के बाद से ही अब्दुल्ला आजम पार्टी से क्षुब्ध दिखाई दे रहे थे। सपा मुखिया ने भी कभी आजम खां के समर्थन में खुलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला। दूसरी ओर, भले ही सपा ने अब्दुल्ला को टिकट दे दिया हो, लेकिन यह उनकी नज़र में उनके पिता के समर्थन में न खड़े होने की भरपाई नहीं कर सकता है।  

अब्दुल्ला आजम का ट्वीट 

समाजवादी पार्टी विधायक अब्दुल्ला आजम ने ट्वीट किया कि, ‘अभी एक बयान मेरे संज्ञान में आया है, जो समाजवादी पार्टी के एक प्रवक्ता साहब ने दिया है। ये वही लोग हैं, जो आज समाजवादी पार्टी की हार और बर्बादी के जिम्मेदार हैं। मेरी ऐसे लोगों से गुजारिश की वो अपने स्तर तक की बात करें। आजम खान साहब तक न जाए वरना बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।’ यह ट्वीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रामगोपाल यादव की मुलाकात के बाद किया गया। आपको बता दें कि, सपा प्रवक्ता रामगोपाल यादव सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की बात लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गये थे। 

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शिवपाल को अब्दुल्ला ने दी नसीहत 

इसी बीच, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने नसीहत दे डाली। दरअसल, रामगोपाल यादव की सीएम योगी से मुलाकात के बाद शिवपाल सिंह यादव ने एक ट्वीट में लिखा था, ‘न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों हैं? आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं?’ इतना ही नहीं,  शिवपाल सिंह यादव ने यह भी कहा कि, ‘रामगोपाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात दौरान मुस्लिम नेताओं का मुद्दा क्यों नहीं उठाया।’ इस पर अब्दुल्ला आजम ने शिवपाल सिंह को भी नसीहत दे डाली।

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