सार
धर्मनगरी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से राजस्थान सरकार मालामाल होने वाली है। इस बात की जानकारी राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव ने दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान के भरतपुर से मंदिर में लगने वाले पत्थरों को मंगाने में कानूनी बाधाएं काफी लंबे समय से थीं। उन बाधाओं को भारत सरकार व राजस्थान ने बड़े शालीनता के साथ दूर कर दिया है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: यूपी के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से राजस्थान सरकार मालामाल होने वाली है। इस बात की जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी तक रजस्थान के भरतपुर से मंदिर में लगने वाले पत्थरों को मंगाने में कानूनी बाधाएं काफी लंबे समय से थीं। उन बाधाओं को भारत सरकार व राजस्थान ने बड़े शालीनता के साथ दूर कर दिया है। उन्होंने बताया रथ के दो पहियों के समान सरकारों ने काम किया है। इसके परिणाम स्वरूप राजस्थान सरकार को हजारों करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त होने का रास्ता खुल गया है। मंदिर निर्माण में अभी 10 लाख घन फुट से अधिक पत्थरों की जरूरत है। उन्होंने बताया दिसंबर 2023 को भगवान अपने मूल गर्भ ग्रह में प्रतिष्ठित हो इसलिए काम की रफ्तार तेज की गई है। अभी तक तक 30 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
स्थानीय स्तर पर पत्थर खरीद कर शुरू की गई थीं कार्यशालाएं
मंदिर निर्माण में देरी न हो इसलिए ट्रस्ट पदाधिकारियों ने बैठक कर निर्णय लिया था कि जब तब कानूनी पेंच फसा है तब तक स्थानीय स्तर पर पत्थर तराशी का कार्य शुरू करा दिया जाए। इसलिए राजस्थान की चार कार्यशालाओं में मंदिर में लगने वाले पत्थरों की तराशी का काम शुरू किया जा चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया राजस्थान में मकराना मार्बल की एक कार्यशाला और तीन कार्यशाला पिंक सेंडस्टोन की है। जिसमें से दो कार्यशाला सिरोही जिले के पिंडवाड़ा और एक आबूरोड़ में काम चल रहा है। तीनों कार्यशालाओं को एक लाख घन फुट पत्थर यानी एक को 33 हजार घन फुट पत्थर तराशने का काम दिया गया है। जिन पत्थरों की तराशी पूरी हो जा रही है उन्हें तुरंत मंगा कर राम जन्मभूमि परिसर में रखा जा रहा है।
मंदिर निर्माण में लगेंगे ग्रेनाइट के 17 हजार टुकड़े ट्रेन से होगी आवक
मंदिर निर्माण के इंजीनियर ने बताया राममंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। 259 वर्कर और 40 इंजीनियर्स इस समय मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में दिन- रात जुटे हुए हैं। नींव बनाने के बाद मंदिर के पत्थर लगाने के लिए और ज्यादा कर्मचारी काम पर लगाए जाएंगे। मंदिर की फर्श बनाने में सैकड़ों ग्रेनाइट के पीस का प्रयोग हो रहा है। एक लेयर 21 फीट ऊंची और तीन फीट मोटी है। जिसमे कुल 17 हजार पीस ग्रेनाइट लगना है। इन्हें तेलंगाना के करीम नगर से अयोध्या ट्रेन द्वारा मंगाया जाएगा।
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