सार
जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव में पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार दस लोगों की जमानत अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी है।
प्रयागराज: जुमे की नमाज के बाद अटाला इलाके में हुए उपद्रव और पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार 10 आरोपितों की जमानत अर्जी मजिस्ट्रेट की अदालत ने खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि 'इन सभी पर आरोप गंभीर प्रकृति के अपराध के हैं इसलिए जमानत का कोई पर्याप्त आधार नहीं है।' गौरतलब है कि दो दिन पहले आधा दर्जन आरोपितों की जमानत अर्जी इसी न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है।
जानिए आरोपियों के लेकर अदलात ने क्या सुनाया फैसला
अपर सीजेएम अरुण कुमार ने आरोपितों के अधिवक्ताओं के और अभियोजन अधिकारी अविनाश सिंह एवं किसलय पांडेय के तर्कों को सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में एकत्र लोगों ने अटाला में सुरक्षा बलों पर पथराव किया था। बमबाजी भी की गई थी। आरएएफ और पुलिस के कर्मचारी जख्मी हुए। अधिकारियों को भी पत्थर लगे थे। पीएसी के ट्रक में भी आगजनी की। कई बाइक जला दी। शांति व्यवस्था बनाने के बाद करेली और खुल्दाबाद थाने में मुकदमे लिखकर नामजद आरोपित और चिन्हित पत्थरबाज गिरफ्तार हुए। गिरफ्तार लोगों में बवाल का मास्टर माइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप और अटाला मस्जिद का पेश इमाम भी है। जावेद पंप का घर भी पीडीए ने ढहा दिया है।
इन लोगों की ज़मानत अरजी हुई खारिज
सुफियान ,अकरम, सद्दाम हुसैन, शकील अहमद, मोहम्मद हसन, अब्दुल जाहिद उर्फ़ बली, मोहम्मद साजिद ,इमरान, सद्दाम व अली रिजवी इन लोगों को जिला अदालत से झटका लगा है। जिला अदालत ने इनका अर्जी को खारिज कर दिया है।
फतेहपुर में अचानक से अपहरण की घटनाओं की आई बाढ़, सिर्फ पांच दिनों में इतनी लड़कियां हुई लापता