सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन एक्सपो मार्ट में विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसके साथ ही डेयरी एग्जीबिशन का अवलोकन भी किया। साल 1974 में भारत को पहला अंतरराष्ट्रीय डेयरी की मेजबानी का अवसर मिला था।
नोएडा: उत्तर प्रदेश के जिले नोएडा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का शुभारंभ किया। इससे पहले पीएम मोदी ने सम्मेलन में लगी प्रदर्शनी का जायज़ा भी लिया। शहर में 12 से 15 सितंबर तक चलने वाले सम्मेलन में पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी उद्योग पर 24 सत्र होंगे। इस वर्ल्ड डेयरी समिट में 91 विदेशी और 65 भारतीय विशेषज्ञ विश्वभर में नवाचार व डेयरी उद्योग को विकसित करने पर विचार रखेंगे। इसके साथ ही तीन तकनीकी सत्र भी होंगे।
पीएम मोदी ने सम्मेलन में इन बातों का किया जिक्र
इस सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है। उन्होंने आगे कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है।
पीएम मोदी आगे कहते है कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत में 8 करोड़ से अधिक परिवार डेयरी क्षेत्र से अपनी आजीविका कमाते हैं। डेयरी सहकारी समितियां देश के 2 लाख गांवों से उत्पाद एकत्र करती हैं, और उपभोक्ताओं से प्राप्त कुल राजस्व का 70 फीसदी सीधे किसानों को जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। आज भारत में डेयरी सहकारी का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। पीएम ने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है।
प्रधानमंत्री कहते है कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक तकनीक की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी रोग की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसेलोसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
तीन हॉल में लगेगी उद्योग और उत्पादन की प्रदर्शनी
शहर में सोमवार को 48 साल बाद भारत वर्ल्ड डेयरी समिट की मेजबानी करने जा रहा है। इस सम्मेलन के लिए 11 हॉल तैयार किए गए हैं। जिसमें से तीन में प्रदर्शनी लगेगी है। इस प्रदर्शनी में डेयरी उद्योग में इस्तेमाल होने वाली तकनीक पेश की जाएगी। इतना ही नहीं सभी हॉल को भारतीय गाय और भैंस की प्रजातियों के नाम पर ही रखा गया है। जिस हॉल में प्रधानमंत्री सम्मेलन को संबोधित करेंगे, उसका नाम गुजरात की प्रसिद्ध गिर गाय के नाम पर रखा गया है।
Koo Appआदरणीय प्रधानमंत्री जी ने आज ग्रेटर नोएडा स्थित ’इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट’ में आयोजित ’इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट’ (IDF WDS) 2022 का उद्घाटन कर कार्यक्रम को संबोधित भी किया। इस अवसर पर #UPCM @myogiadityanath जी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। #WorldDairySummit- Chief Minister Office, Uttar Pradesh (@CMOfficeUP) 12 Sep 2022
सम्मेलन में 800 से अधिक डेयरी किसान करेंगे शिरकत
वर्ल्ड डेयरी समिट सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दुग्ध उत्पादन में अपने-अपने प्रदेश की सहभागिता और इस दिशा में नए नवाचार पर जानकारी देंगे। इतना ही नहीं गृहमंत्री अमित शाह भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही 800 से अधिक डेयरी किसान भी शिरकत करेंगे। सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी भारतीय श्वेत क्रांति के इतिहास और मौजूदा स्थिति पर बनी लघु फिल्म भी देखेंगे। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री और वीआईपी मौजूद रहेंगे।
देश में पहली बार 1974 में हुआ था डेयरी सम्मेलन
15 सितंबर तक आयोजित होने वाले सम्मेलन के लिए रविवार को दिनभर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने प्रधानमंत्री व 50 देशों से आने वाले विशेषज्ञों की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को लेकर भी योगी ने निरीक्षण किया था और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए थे। बता दें कि भारत दूसरी बार विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। देश ने पहली बार साल 1974 में मेजबानी की थी, तब डेयरी में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया था। इस सम्मेलन में 50 देशों के करीब 1433 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।