सार
नाबालिग के साथ दुष्कर्म और अपहरण के दोषी दस साल बाद न्याय मिला है। बुधवार यानी 11 मई को बच्ची को पूर्णरूप से इंसाफ मिल चुका है। आरोपी के ऊपर दस साल के साथ 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी है।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश में रायबरेली की एक अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म और अपहरण के दोषी को 10 वर्ष की कैद और 25 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा दी है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 2012 से विचाराधीन नाबालिग के अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म के अपराधी राजू लोध को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 25 हज़ार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सबूतों के आधार पर न्यायालय ने सुनाई सजा
विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि लालगंज निवासी युवक ने सलोन इलाके की एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया था और बाद में उसे पंजाब लेकर चला गया था। इस दौरान उसने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में युवती ने अभियुक्त के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जिसके बाद सालों साल चले इस मुकदमे में तमाम सबूतों के आधार पर सक्षम न्यायालय ने अपराधी युवक को सख्त सजा सुना दी है।
आठ महीने में मिला नाबालिग को मिला न्याय
इसी प्रकार बीते दिनों शहर में मानसिक बीमार बालिका से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो दोषियों पर पॉक्सो कोर्ट प्रथम के विशेष न्यायाधीश विजय पाल ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सामूहिक दुष्कर्म के एक आरोपी पर दस हजार तो वहीं दूसरे अपराधी पर 15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। नाबालिग बच्चे को मात्र आठ महीने में न्याय मिल गया। रिपोर्ट के अनुसार सात अगस्त 2021 को गुड्डू व राज ने वादी की मानसिक बीमार नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं उसकी अश्लील फोटो भी वायरल कर दी। पुलिस ने परिजनों की विवेचना के बाद दोनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।
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