सार
पश्चिमी यूपी में मुस्लिमों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद ने बसपा की सदस्यता ले ली। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए इमरान ने एक बार फिर निकाय चुनाव से पहले पाला बदला।
लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया। उनके बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने के बाद बीएसपी को बड़ा फायदा मिल सकता है। ज्ञात हो कि कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव का पद ठुकराकर विधानसभा चुनाव के दौरान इमरान मसूद समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। हालांकि वहां उन्हें कोई खास तवज्जों नहीं मिली। इसी के चलते उन्होंने बुधवार को बसपा की सदस्यता ली। सुप्रीमो मायावती के समक्ष वह पार्टी में शामिल हुए।
चुनाव में नहीं मिला सपा से टिकट
जानकार बताते हैं कि निकाय चुनाव के दौरान बसपा को इमरान मसूद के पार्टी में आने का बड़ा फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले इमरान ने यह सोचकर सपा की सदस्यता ली थी कि चुनाव के बाद सपा की ही सरकार यूपी में बनेगी। इसी के चलते उन्होंने कांग्रेस पार्टी में बड़ा पद भी ठुकराया था। हालांकि नतीजा उनकी सोच से उलट आया। ज्ञात हो कि इमरान मसूद के जिले की किसी भी विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया था। यहां तक कि उनके करीबियों को भी टिकट नहीं दिया गया था। जब इमरान जिद पर अड़ गए तो रागिब अंजुम को सपा का जिलाध्यक्ष बनाकर उन्हें संतुष्ट किया गया था।
पहले भी कई चुनाव लड़ चुके हैं इमरान मसूद
चुनाव के बाद सपा सत्ता के शिखर पर नहीं पहुंची और इमरान मसूद भी पार्टी के हाशिए पर खड़े हो गए। इसी बीच उन्होंने बसपा का दामन थामने का फैसला लिया। इमरान सहारनपुर नगर पालिक के भी चेयरमैन रह चुके हैं। 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मुज्जफराबाद से निर्दलीय चुनाव लड़कर तत्कालीन कैबिनेट मंत्री जगदीश राणा को हराया था। हालांकि इसके बाद वह कोई भी चुनाव नहीं जीत पाए। 2012 चुनाव से पहले ही वह कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने नकुड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। डॉक्टर धर्म सिंह सैनी के खिलाफ लड़े गए इस चुनाव में उन्हें हार मिली। साल 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के राघव लखन पाल से हार का सामना करना पड़ा। 2017 के चुनाव में गणबंधन के बावजूद इमरान मसूद को नकुड़ विधानसभा से टिकट मिला लेकिन उन्हें उस चुनाव में भी हार मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा, रालोद और बसपा का गठबंधन था हालांकि उसमें भी इमरान मसूद को हार का सामना करना पड़ा था।