सार
यूपी के देवरिया जिले में नाबालिग की हत्या होने से नाराज परिजनों ने दाह संस्कार से मना कर दिया। जिसके बाद मृतक के परिजनों से काफी देरतक नोंकझोंक हुई लेकिन पुलिस के समझाने के बाद स्वजन शांत हुए और बेटे का अंतिम संस्कार किया।
रजत भट्ट
देवरिया: उत्तर प्रदेश के जिले देवरिया जिले तरकुलवा थाना क्षेत्र के महुआवा बजराटार गांव के एक नाबालिग किशोर की हत्या से नाराज परिजनों ने उसका शव दरवाजे पर कर दाह संस्कार
से मना कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते तब तक नाबालिग का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। इन सबके बीच मौके पर पहुंची पुलिस ने बहुत प्रयास किया। लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। वहीं सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी भी मौके पर पहुंच गए। उनके समझाने बुझाने पर किसी तरह परिजन राजी हुए साथ ही पुलिस से निष्पक्ष जांच की भी बात उन्होंने कहीं है।
गांव के एक व्यवसाई पर ही, लगाया जा रहा है हत्या का आरोप
दरअसल जानकारी के अनुसार तरकुलावा थाना क्षेत्र के महुआवा बजराटार गांव निवासी कैलाश प्रजापति का 15 वर्षीय पुत्र शुभम प्रजापति अपने गांव के किसी व्यवसाई के साथ शुक्रवार की सुबह कसया गया था। इसी बीच व्यवसाई ने शुभम के परिजनों को फोन कर बताया कि शुभम को एक दुर्घटना में कुछ चोटें आई हैं। जिसका इलाज सीएचसी कसया में हो रहा है। इस पर जब परिजन यहा सीएचसी पहुंचे तो पता चला वहां कोई नहीं हैं। इसके बाद जब परिजनों ने व्यवसाई को फोन किया तो व्यवसाई कभी चौरी चौरा तो फिर कभी कहीं और का लोकेशन बता रहा था।
युवक की मृत्यु की सूचना जिला अस्पताल ने परिजनों को दी
वहीं शुक्रवार की शाम में देवरिया जिला अस्पताल से शुभम के परिजनों को फोन कर शुभम के मृत्यु की सूचना दी जाती है। जब शुभम के परिजन वहां पहुंचे तो पता चला व्यवसाई वहां से भी फरार था। वहीं मृतक शुभम की मां ज्ञान्ती देवी ने तरकुलवा पुलिस को तहरीर देकर पुत्र की हत्या का आरोप व्यवसायी पर लगाया है। वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने मुंडेरा बाबू चौराहे पर पहुंचकर जब रास्ता जाम किया तो मौके पर पहुंची पुलिस ने उनको वहां से हटाने की कोशिश की जिसमें ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। जिसके बाद ग्रामीणों ने शव को अपने दरवाजे पर रखकर दाह संस्कार से मना किया। जिसके बाद मौके पर पहुंचे सीओ सदर श्रेयस त्रिपाठी के निर्देश के बाद तरकुलवा पुलिस ने व्यवसाई विनय उर्फ मुन्ना, पुत्र बिहारी के खिलाफ हत्या और गलत सूचना देने का मुकदमा दर्ज किया। जिसके बाद नाबालिग शुभम के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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