सार
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ ही माता सीता का भी मंदिर बनेगा। बैठक में निषाद राज और जटायू को भी सम्मान दिए जाने को लेकर बात की गई। इसको लेकर रूपरेखा तैयार हो रही है।
अयोध्या: भगवान राम की नगरी में सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक संपन्न हुई। इस बीच कई महत्वपूर्ण निर्णय वहां पर लिए गए। राम जन्मभूमि परिसर में माता सीता का मंदिर बनाया जाएगा। इसी के साथ वहां भगवान गणेश, निषाद राज और जटायू को भी सम्मान मिलेगा।
मंदिर के रूप में मिलेगा सम्मान
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि यात्री सुविधा और मंदिर निर्माण दोनों साथ चलेंगे। अयोध्या में गणेश जी का कोई भी स्थान नहीं है। जहां प्रधान देवता के रूप में गणेश जी विराजमान हों। परिसर में मंदिर के रूप में उन्हें सम्मान दिया जाएगा। वर्तमान समय में गोस्वामी तुलसीदार ने रामचरितमानस को लोकभाषा में लिखा था। ऐसे में गोस्वामी तुलसीदास को भी परिसर में स्थान दिया जाएगा।
बैठक में तमाम विषयों पर हुई चर्चा
चंपत राय ने जानकारी दी कि नारी शक्ति के रूप में माता सीता को जाना जाता है। उनके सम्मान में भी परिसर के भीतर मंदिर बनाया जाएगा। इसी के साथ माता शबरी और जटायु को भी सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा। उनको भगवान श्री राम ने गोद में रखकर अंतिम संस्कार किया था। इसके अलावा प्रभु श्रीराम के आराध्य सखा केवट निषाद राज का भी सम्मान किया जाएगा। चंपत राय ने बैठक के बारे में तमाम जानकारियों के बारे में बताया कि यात्री सुख-सुविधाओं के साथ विकास के बारे में भी चर्चा हुई। पहले चरण में 25 हजार यात्रियों के लिए सुविधा का निर्माण करवाया जाएगा। बैठक में समिति के लोगों के साथ ही कार्यदाई संस्था के लोग भी मौजूद रहे। सबके सामने इंजीनियर ने अपने-अपने प्रेजेंटेशन दिए।