सार
अधिकांश लोग सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) को केवल पितरों की मुक्ति का दिवस ही मानते हैं, लेकिन वास्तव में यह अमावस्या आपके अशुभ ग्रहों को शांत करके शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ाने वाली भी कही गई है।
उज्जैन. यदि आपकी जन्मकुंडली में कोई ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो और उसके कारण आपका पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया हो तो सिर्फ एक उपाय करके आप ग्रह दोषों से मुक्ति पा सकते हैं। इस उपाय को करने से न केवल ग्रह शांत होते हैं बल्कि शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति का भाग्योदय भी होता है।
दीपदान करने का सबसे बड़ा महत्व
शास्त्रों में अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) तिथि पर दीपदान करने का सबसे बड़ा महत्व बताया गया है। पवित्र नदियों या सरोवर में दीपदान करने से दूषित ग्रह शांत होते हैं। अशुभ ग्रहों का प्रभाव शांत होता है और उनका शुभ प्रभाव बढ़ता है। दीपदान अमावस्या के दिन सायंकाल में किया जाता है। इसके लिए आटे के पांच दीयों में सरसों का तेल भरकर इन्हें किसी गत्ते के डिब्बे या पत्ते के दोने में किसी पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित करें।
दीपदान के बाद गरीबों को अन्न दान करें
आप चाहें तो एक साथ या अलग-अलग भी इन दीयों को प्रवाहित कर सकते हैं। प्रवाहित करने से पहले पंचदेवों श्रीगणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्य को साक्षी मानकर और उनसे अपनी समस्याओं के समाधान करने की प्रार्थना कर दीपों को प्रवाहित करें। आवश्यक नहीं कि आप पांच दीपदान ही करें, ज्यादा भी कर सकते हैं। दीपदान के बाद गरीबों को अन्न दान करें।
दीपदान के लाभ
1. जन्मकुंडली के बुरे ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है। शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि होती है।
2. कार्यों में आने वाली रूकावटें दूर होती हैं। तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
3. व्यक्ति का भाग्योदय होता है, जिससे जीवन की समस्त इच्छाएं स्वत: ही पूर्ण होने लगती है।
4. दीपदान से पितृ भी प्रसन्न् होते हैं, इससे धन, मान, सुख, वैभव प्राप्त होता है।
5. जो व्यक्ति दीपदान करता है उसे रोगों से मुक्ति मिलती है।
6. पितृदोष, कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव दूर होता है।
7. राहु-केतु पीड़ा नहीं देते। आर्थिक प्रगति के रास्ते खुलते हैं।
8. भूमि, भवन, संपत्ति संबंधी कार्यों की बाधा दूर होती है। भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
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