सार
Sawan 2022: सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं, रुद्राभिषेक भी इनमें से एक है। ये उपाय यदि सावन के सोमवार को किया जाए तो और भी अधिक शुभ फल मिलते हैं। इस बार सावन का तीसरा सोमवार 1 अगस्त को है।
उज्जैन. आज (1 अगस्त, सोमवार) श्रावण मास का तीसरा सोमवार (third Monday of Sawan) है। वैसे तो ये पूरा महीना ही शिवमय है लेकिन इस महीने में आने वाले सोमवार का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं व अन्य उपाय कर महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) भी एक सरल माध्यम है। रुद्राभिषेक का अर्थ है शिवलिंग पर रुद्र मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। ये कार्य अगर सावन सोमवार को किया जाए तो और भी अधिक फलदायी रहता है। आगे जानिए क्या है रुद्राभिषेक और इससे क्या फल मिलते हैं।
क्या है रुद्राभिषेक?
शिवपुराण के अनुसार वेदों का सारतत्व, रुद्राष्टाध्यायी है जिसमें आठ अध्यायों में कुल 176 मंत्र हैं, इन्हीं मंत्रों के द्वारा भगवान रूद्र का अभिषेक किया जाता है। शास्त्रों में भी कहा गया गया है कि शिवः अभिषेक प्रियः अर्थात शिव को अभिषेक अति प्रिय है। अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है स्नान कराना। धर्म ग्रंथों में अलग-अलग इच्छाओं के लिए विभिन्न द्रव्यों से रुद्राभिषेक के बारे में बताया गया है। रूद्र यानी शिव का अभिषेक करने से सभी देवों का भी अभिषेक करने का फल उसी क्षण मिल जाता है। जानिए किस मनोकामना के लिए किस द्रव्य से रुद्राभिषेक करना चाहिए…
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार स्वच्छ जल से यदि भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो वर्षा होती है।
2. शिवपुराण के अनुसार, यदि आप धन की इच्छा रखते हैं तो गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। इससे आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी।
3. हरसिंगार का इत्र पानी में मिलकर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।
4. शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जडबुद्धि यानी मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान हो जाता है।
5. सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने से दुश्मनों पर जीत मिलती है।
6. धर्म ग्रंथों के अनुसार, गाय के दूध और शुद्ध घी से अभिषेक किया जाए तो सेहत अच्छी रहती है।
7. पुत्र की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को शक्कर मिश्रित जल से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
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