सार

Aghan Purnima 2022: हिंदू पंचांग में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं। इनमें प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक की तिथियां दोनों पक्षों में समान होती है। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या और शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं।
 

उज्जेन. इस बार अगहन मास की स्नान-दान पूर्णिमा (Aghan Purnima 2022) का पर्व 8 दिसंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके अगले दिन से पौष मास की शुरूआत होती है। धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि पर कई प्रमुख त्योहार जैसे हनुमान जयंती, रक्षाबंधन, शरद पूर्णिमा आदि पर्व मनाए जाते हैं। इस तिथि पर कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानें अगहन मास की पूर्णिमा पर कौन-कौन से उपाय करें…


विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें
पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की संयुक्त रूप से पूजा करें। गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें। इसके बाद देवी लक्ष्मी के 12 नामों का जाप करें। इस उपाय से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक की हर इच्छा पूरी करती हैं।


पीपल की पूजा करें
मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर पीपल की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। पीपल की पूजा से गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल तो मिलते ही हैं, साथ ही शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है। एक मान्यता ये भी है कि पूर्णिमा तिथि पर पीपल पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। इस तरह पीपल की पूजा करने से कई देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है।


सत्यनारायण भगवान का कथा सुनें
पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने की परंपरा काफी पुरानी है। कथा करवाने से घर की शुद्धि होती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। कथा में अपने परिचितों और पड़ोसियों को भी जरूर आमंत्रित करना चाहिए। ये उपाय प्रत्येक पूर्णिमा तिथि पर करवा सकते हैं।


जरूरतमंदों को दान करें
पूर्णिमा तिथि पर जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। इस समय शीत ऋतु अपने चरम पर होती है। इस मौसम में गर्म कपड़े जैसे कंबल आदि का दान करें। इसके अलावा घी, गुड़, चावल, दाल या बना हुए भोजन का दान करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति संभव है।


पवित्र नदी में स्नान करें
पूर्णिमा तिथि पर सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो किसी तालाब में भी स्नान कर सकते हैं। स्नान के दौरान सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और ऊं भास्कराय नम: मंत्र जाप करते हुए नमस्कार करें। इस उपाय से ग्रहों से संबंधित सभी दोष दूर हो सकते हैं।


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