सार
भारतीय उपमहाद्वीप में ज्योतिष एक गहरी जड़ें वाली मान्यता है। आज भी ज्योतिष की वैज्ञानिकता पर बहस होती रहती है। हाल ही में केरल में हुई कुछ हत्याओं में अंधविश्वास और ज्योतिष की भूमिका बताई जा रही है। बालरामपुरम में दो साल की बच्ची की हत्या के मामले में भी ज्योतिष और अंधविश्वास का ज़िक्र हो रहा है। सोशल मीडिया और इंटरनेट पर ज्योतिष का बोलबाला है। सैकड़ों ज्योतिष ऐप और वेबसाइट काम कर रही हैं, लेकिन उनकी प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठते।
'पर्पल रेडी' नाम की एक एक्स यूजर ने दोपहर करीब एक बजे ज्योतिष ऐप्स के खिलाफ एक पोस्ट लिखी, जो वायरल हो गई। करीब चार लाख लोगों ने इसे देखा और सैकड़ों ने रीशेयर किया। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स दो हिस्सों में बंट गए।
महिला ने लिखा, 'मैं भीड़ देखकर एस्ट्रोटॉक इंस्टॉल कर बैठी। साइन अप पर 10 मिनट की फ्री चैट मिली। मैंने पूछा मैं कब शादी करूंगी। जवाब मिला 3 साल बाद। मैंने बताया कि मैं शादीशुदा हूं। उसने चैट बंद कर दी और मेरे 5 मिनट भी गए।' इस पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी राय दी।
एक यूजर ने लिखा, 'मैं ज्योतिषी होता तो कहता, आपकी एक और शादी होगी।' दूसरे ने मज़ाक में लिखा, 'तो फिर मैं तलाक कब लूँगी, ये पूछ लेती।' कुछ लोगों ने कहा कि ज्योतिष एक दिलचस्प विज्ञान है, बस इसे समझना ज़रूरी है। सोशल मीडिया पर लोग ज्योतिष के पक्ष और विपक्ष में बंट गए। एस्ट्रोटॉक की वेबसाइट के अनुसार, उनके पास 3000+ वैदिक ज्योतिषी, टैरो रीडर, न्यूमरोलॉजिस्ट और वास्तु विशेषज्ञ हैं। कंपनी का दावा है कि उनकी ज्योतिष सामग्री सटीक और शोध-आधारित है।