सार
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। अब तक हजारों बेगुनाहों की मौत हो गई है। इस जंग में एक अमेरिकन नागरिक सर्ज जेवेलीवर की भी मौत हो गई है। आइए जानते हैं सर्ज जेवेलीवर के जीवन से जुड़ी हुई एक मार्मिक कहानी...
ट्रेडिंग डेस्क : रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में हजारों लोगों के मारे जाने की खबरें सामने आ रही हैं। आधिकारिक आंकड़ों में सैकड़ों लोगों के मरने की बात कही गई है, लेकिन बात अगर मानवीय संकट की करें तो यूक्रेन में हालात गंभीर हैं। चिंताजनक हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के टकराव में आम नागरिकों और मासूम बच्चों की भी मौत हो रही है। ऐसे ही है नागरिक की मौत झकझोर देने वाली है। यह इंसान रहता तो यूक्रेन में था लेकिन उसके पास अमेरिकी नागरिकता भी थी। सिर पर मंडराते मौत के खतरे के बावजूद इस व्यक्ति ने यूक्रेन नहीं छोड़ा। संकट के समय में जैसा अधिकांश मौकों पर होता आया है, बंदूक की गोली ने एक और इंसान को मौत की नींद सुला दिया। इस शख्स का नाम सर्ज जेवेलीवर (Serge Zevlever) था। या शायद अब भी है, क्योंकि ऐसे लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं।
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एक हीरो की तरह हुई सर्ज जेवेलीवर की मौत
लव व्हाट मैटर्स डॉट कॉम पर लिखे एक लेख में सर्ज जेवेलीवर को जानने वाले व्यक्ति ने लिखा है कि उनकी मौत एक हीरो के रूप में हुई। इस व्यक्ति ने अपने भावुक लेख में सर्ज जेवेलीवर के साथ बिताए गए पलों का जिक्र किया है। लेख में लिखा गया है कि एक ऐसा इंसान इस दुनिया से चला गया जिसने पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों के नाम कर दी। उन परिवारों के नाम कर दी जो बच्चे को गोद लेने की ख्वाहिश रखते थे। लेखक ने लिखा गया है कि जब वे और उनकी पार्टनर कायल ने एडॉप्शन की यात्रा शुरू की तो उन्होंने सोचा था कि वे यूक्रेन कभी नहीं जाएंगे। लेखक के मुताबिक यूक्रेन जाने को लेकर कई अनिश्चितताएं थीं, जिसमें उस देश में लगने वाला समय, अदालत की कार्यवाही में और उस क्षेत्र के कानून के तहत बच्चों के कागजात तैयार करने में लगने वाले समय प्रमुख कारण थे।
इंसान योजनाएं बनाता है भगवान उस पर हंसते हैं
लेख में लिखा गया है कि गोद लेने की प्रक्रिया को लेकर उनका मानना था कि सभी बातें स्पष्ट होनी चाहिए। यानी आप कैसे शुरू करने की योजना रखते हैं और आपकी भविष्य की क्या योजना है, यानी शुरू से लेकर अंत तक स्पष्ट सोच जरूरी है। हालांकि, एक कहावत भी है कि इंसान योजनाएं बनाता है भगवान उस पर हंसते हैं (man plans god laughs)। शायद कुछ ऐसा ही हुआ जब साल 2012 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले के कारण वे दो रूसी बच्चों को गोद नहीं ले सके। इन बच्चों को चार्लोट अनाथ आश्रम से गोद लेना था। इस घटना के बाद हमें गहरा आघात लगा और हम महीनों तक अपनी कागजी प्रक्रिया पूरे होने के बावजूद बच्चे के सुख से महरूम रहे। लेखक बताते हैं कि इसी बीच उन्हें एक फोटो मिली जिसमें गुलाबी चप्पल पहने एक गोल मटोल बच्ची दिखाई दी। बकौल लेखक, जब उन्होंने पहली बार उस तस्वीर को देखा तो उसी समय उन्होंने यह तय कर लिया कि यह बच्ची उनकी है और इसके लिए वे उस जगह पर जाने को भी तैयार हो गए जहां उन्होंने कभी ना जाने की बात सोची थी। यानी उन्हें इसके लिए यूक्रेन जाना था। अपने अनुभव के बारे में लेखक लिखते हैं कि जब हम यूक्रेन पहुंचे तो थके हुए थे, उत्साहित भी थे, साथ ही कई आशंकाओं से भी घिरे हुए थे। मन में भाव आते थे कि एक नए देश में नए एडॉप्शन प्रोफेशनल के साथ काम कैसे करेंगे। कई सवाल मन में आते थे। इससे भी अधिक चुनौतीपूर्ण एक नवजात या छोटे बच्चे के साथ घुलना मिलना क्योंकि बच्चा संभवत डरा हुआ हो। इसके साथ ही पूछे छूट रही चीजें भी रास्ता रोक रही थीं। ऐसे मनोभाव भी मन में आते थे कि हम अपने रूसी समाज को पीछे छोड़ कर आ रहे हैं।
सर्ज जेवेलीवर देखने में लगते थे सख्त
तमाम ऊहापोह के बीच हमारी मुलाकात सर्ज जेवेलीवर से हुई। अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो सर्ज जेवेलीवर के साथ काम करना कई बातों में एक थी, जिस पर उन्होंने सबसे अधिक जोर दिया। लेखक लिखते हैं कि ऐसा नहीं था कि उन्हें सर्ज जेवेलीवर की क्षमताओं पर शक था, बल्कि इसका कारण उनकी प्रतिष्ठा थी। सर्ज जेवेलीवर के बारे में कई अफवाहें हैं- जैसे वह एक बहुत कठोर पुरुष हैं, उन्हें नॉनसेंस बिल्कुल पसंद नहीं है। कई लोग बुलडॉग और शार्क जैसे खूंखार जीवों से भी सर्ज जेवेलीवर की तुलना करते थे। हालांकि, सर्ज जेवेलीवर की छवि इस पर निर्भर करती है कि आपने उनके बारे में पूछा किस व्यक्ति से है। यह भी एक अफवाह थी कि वह एक भीड़ के नेता हैं, जिनको कभी भी क्रॉस नहीं किया जा सकता यानी उनकी बातें काटी नहीं जा सकतीं। लेखक लिखते हैं कि एडॉप्शन ऑफिस में 5 मिनट बिताने के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि सर्ज जेवेलीवर के बारे में सारी बातें बिल्कुल निराधार नहीं हैं। हालांकि, इसके अगले 5 मिनट के बाद उन्हें यह भी एहसास हुआ कि दुनिया ने जो छवि गढ़ी है तो उनके बाहरी व्यक्तित्व पर आधारित है। दिल से यह इंसान अपनी जॉब को लेकर बहुत गंभीर है। यह इंसान उन परिवारों के प्रति निष्ठावान था, जिसके एडॉप्शन में उन्होंने मदद की।
जिन बच्चों को दुनिया में इग्नोर किया जा रहा है, उसी देखभाल करना सर्ज जेवेलीवर का मिशन था
लेखक का मानना है कि सर्ज जेवेलीवर के जीवन का मिशन था कि जिन बच्चों को इस दुनिया में इग्नोर किया जा रहा है, वह उनकी देखभाल करेंगे। एक वाकये का जिक्र कर लेखक बताते हैं, इस बात से अचंभा हुआ कि लगातार तीन एडॉप्शन की प्रक्रियाओं के दौरान सर्ज जेवेलीवर ने एक भी स्टेप या विवरण मिस नहीं किया। यह तब था जब कई बच्चों और परिवारों के साथ एक ही समय पर संवाद किया जा रहा था। बकौल लेखक, सर्ज जेवेलीवर गोद लेने की प्रक्रिया में परफेक्शन चाहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि चूक होने की कीमत सर्ज अच्छी तरह जानते थे। सर्ज जेवेलीवर जानते थे कि किसी बच्चे को गोद लेना या गोद ना लेना परिवार का फैसला है, लेकिन इससे बच्चों की आत्मा भी प्रभावित होती है और सर्ज जेवेलीवर सीधे तौर पर बच्चों की आत्मा से जुड़े हुए थे।
परिवारों में बच्चे का सुख देखना सर्ज के लिए सबसे बड़ी खुशी थी
लेख में बताया गया है कि अडॉप्शन की चर्चा के बाद लंच के दौरान सर्ज जेवेलीवर ने दो देशों के बीच बोर्श्ड नाम के यूरोपियन सूप की बारीकियां समझाईं। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों देश इस सूप को अलग-अलग तरीकों से बनाते हैं। लंच के दौरान ही सर्ज जेवेलीवर ने दो बच्चों की तस्वीरें देखने के बाद आश्वस्त किया। वह जानते थे कि हमें जब समय मिलेगा हम दोनों बच्चों के पास जरूर जाएंगे। लेखक बताते हैं कि कुछ सप्ताह बीतने के बाद और कुछ उतार-चढ़ाव के बाद लुईसा हमारे जीवन में आई। वे बताते हैं कि सर्ज जेवेलीवर ने पहली मुलाकात के दौरान लुईसा को लगभग हमारी गोद से छीन लिया और दुलार करने लगे। बकौल लेखक, परिवारों में बच्चे का सुख देखना सर्ज के लिए सबसे बड़ी खुशी थी। यह उनके लिए सबसे बड़ा इनाम भी था।
हीरो की तरह लड़ते हुए चिर निद्रा में सो गए सर्ज जेवेलीवर
साल 2015 के एक वाकये का जिक्र करते हुए लेखक लिखते हैं कि मार्गरेट और ग्रेस नाम की दंपत्ति के साथ अडॉप्शन की प्रक्रिया के दौरान सर्ज जेवेलीवर ने कुछ इस तरीके से काम किया कि उनके परिवार को यूक्रेन और वहां के लोगों से मोहब्बत हो गई। एक ऐसी जगह से लगाव हो गया जहां वे कभी आना भी नहीं चाहते थे। उन्होंने बताया कि हमारा अनुभव बिल्कुल यूनिक नहीं था। उन्होंने लिखा, सर्ज जेवेलीवर ने हजारों बच्चों को परिवार दिया। हजारों बच्चों के जीवन में बदलाव लाए। जिनके प्रति वे समर्पित थे।सर्ज जेवेलीवर ने अनाथ आश्रम में मिलने वाली सुविधाओं को भी बेहतर करने का बीड़ा उठाया। इसके तहत अनाथ आश्रम में मेडिकल केयर और मेहमानवाजी जैसे कार्यक्रम कराए गए। लेख के अंतिम हिस्से में लिखा गया, यूक्रेन और वहां के बच्चे सर्ज जेवेलीवर का जीवन थे। रूस की सेना और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुई लड़ाई के दौरान शनिवार को सर्ज जेवेलीवर गोली का शिकार हो गए। पुतिन की सेना से यूक्रेन की राजधानी कीव को बचाने का प्रयास करते हुए सर्ज जेवेलीवर चिर निद्रा में सो गए।
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सर्ज जेवेलीवर जंग में मरने वाले पहले अमेरिकी नागरिक
मीडिया की रिपोर्ट में यह कहा गया कि यूक्रेन और रूस के युद्ध में मरने वाले सर्ज जेवेलीवर पहले अमेरिकी नागरिक हैं। भावुक लेखक ने लिखा, सर्ज जेवेलीवर को यूक्रेन में नहीं होना चाहिए था, उनके पास दोहरी नागरिकता थी। वह सुरक्षित जगह पर जाना चुन सकते थे, लेकिन सर्ज जेवेलीवर ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने वही किया जो उनसे अपेक्षित था। वे उन लोगों के हक में खड़े हुए जो खुद को बचाने में सक्षम नहीं थे। उनकी मौत कुछ ऐसे हुई मानो दुनिया से एक हीरो विदा हो रहा हो। अंत में सर्ज जेवेलीवर को स्वर्ग मिलने की कामना के साथ लेखक लिखते हैं कि आपके रास्ते में वो तमाम बच्चे मिलें जिनसे आपने प्यार किया। लेखक के मुताबिक सर्ज जेवेलीवर की विरासत उन हजारों परिवारों में फैली है जिनकी उन्होंने बच्चा गोद लेने में मदद की। लेखक ने लिखा कि सर्ज जेवेलीवर का जीवन यूक्रेन के लिए गौरवशाली है।
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