वायरल डेस्क.बीते दिनों भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बासमती चावल को छोड़कर अन्य सभी तरह के कच्चे चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार ने ये फैसला आगामी त्योहारों के बीच चावल की डिमांड में बढ़ोत्तरी को देखते हुए लिया है। दुनिया के टोटल राइस एक्सपोर्ट का 40 प्रतिशत हिस्सा भारत के पास है। भारत के चावल पर बैन लगाने से बाकी देशों की चिंता बढ़ गई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जहां सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए लोगों की होड़ लगी हुई है।

अमेरिका में चावल खरीदने की होड़

दरअसल, वायरल हो रहा वीडियो अमेरिका का बताया जा रहा है। अमेरिकी सुपरमार्केट में भारत द्वारा नॉन बासमती राइस बैन किए जान का असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। अमेरिका में रहने वाले लोग अमेरिकी सुपरमार्केट्स का वीडियो शेयर कर रहे हैं। इसी क्रम में वायरल हो रहे वीडियो में आप भी देख सकते हैं किस तरह लोगों में चावल खरीदने की होड़ मची हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुपरमार्केट्स के बाहर चावल खरीदने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुईं हैं। वहीं कुछ लोग चावल का स्टॉक लगा रहे हैं। नीचे दिए गए वीडियो देखकर आप स्थिति का अंदाजा खुद लगा सकते हैं।

 

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ये पांच देश चावल के लिए भारत पर निर्भर 

भारत से दुनियाभर के देशों में एक्सपोर्ट होने वाले नॉन बासमती व्हाइट राइस की हिस्सेदारी लगभग पच्चीस प्रतिशत है। 2022-23 में भारत से नॉन बासमती राइस का टोटल एक्सपोर्ट 4.2 मिलियन अमोरिकी डॉलर था। थाइलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत सबसे ज्यादा नॉन बासमती राइस एक्सपोर्ट करता है। इन पांच देशों के अलावा 100 से अधिक देशों में भारत चावल का एक्सपोर्ट करता है। 2012 से भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है। भारत सरकार के फैसले से ग्लोबल फूड मार्केट में महंगाई बढ़ने का डर है। साथ ही कई देशों में हालत और भी बिगड़ सकते हैं।

 

भारत सरकार ने क्यों लगाया चावल पर बैन ?

गौरतलब है, लगातार बढ़ रही खाद्य पदार्थों की कीमतों पर लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नॉन बसमती राइस के एस्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाया है। देश के ज्यादातर हिस्सों में चावल का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है। खास बात ये है कि देश में नॉन बसमती राइस की खपत सबसे ज्यादा है। ऐसे में अगर सरकार नॉन बसमती राइस का एक्सपोर्ट जारी रखती तो देश में चावल की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती थी। यही वजह है कि सरकार ने पहले जनता का ख्याल रखते हुए और देश में चावल की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए नॉन बसमती राइस पर बैन लगाने का फैसला किया है।

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