सार

इंसान को रक्तदान करते तो सुना होगा। पर एक कुत्ते ने दूसरे कुत्ते की जान बचाने के लिए रक्तदान किया। मध्य प्रदेश में एक अनोखी घटना सामने आई है।

रक्तदान (blood donation) को महादान कहा जाता है। इंसान रक्तदान करते हैं, ये तो आम बात है। लेकिन एक बेजुबान जानवर ने दूसरे जानवर की जान बचाने के लिए रक्तदान किया, ऐसा पहली बार सामने आया है। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में एक कुत्ते (dog) ने रक्तदान करके मौत और जिंदगी के बीच जूझ रही एक कुतिया की जान बचाई।

जानकारी के मुताबिक, अशोक नगर निवासी सोनू रघुवंशी के पास डेज़ी नाम की दो साल की एक मादा लैब्राडोर कुतिया है। डेज़ी करीब 35 दिन की गर्भवती थी। पिछले कुछ दिनों से उसके प्राइवेट पार्ट से लगातार खून (Bleeding) बह रहा था। सोनू और उसके परिवार वाले तुरंत डेज़ी को अशोकनगर के सरकारी पशु चिकित्सालय ले गए। डेज़ी के पेट में पल रहे सारे पिल्ले वहीं मर गए, इसलिए उन्हें निकालना जरूरी था। इससे उसे बहुत खून बह गया। कुतिया के खून का स्तर काफी गिर गया था। खून की जांच के दौरान पशु चिकित्सक शिवेंद्र अग्रवाल ने पाया कि कुतिया के खून में शुगर का स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया है। मादा कुतिया को खून की जरूरत थी। डॉक्टरों ने कहा कि खून दिए बिना ऑपरेशन मुमकिन नहीं है और कुतिया के बचने की संभावना भी कम है।

डॉ. अग्रवाल ने सोनू को तुरंत 3 यूनिट खून का इंतजाम करने को कहा। परेशान सोनू ने तुरंत स्थानीय समाजसेवी प्रियेश शर्मा से संपर्क किया। प्रियेश रक्त सहायता समूह के सक्रिय सदस्य पुलिस कांस्टेबल हरेंद्र रघुवंशी और कृष्ण रघुवंशी से संपर्क किया। फिर हरेंद्र और कृष्ण रघुवंशी अपने पालतू कुत्ते गूगल के साथ जिला पशु चिकित्सालय पहुंचे। ब्लड ग्रुप मिलाने के बाद डॉक्टरों शिवेंद्र अग्रवाल और तृप्ति लोधी ने सफलतापूर्वक ब्लड ट्रांसफ्यूजन पूरा किया। डॉक्टरों ने कहा कि जिले में यह शायद पहला पशु ब्लड ट्रांसफ्यूजन है।

डॉक्टरों और कुत्ते के मालिकों के लगातार प्रयासों से मादा कुतिया बच गई। प्रियेश शर्मा ने जनता से अपील की है कि जानवरों की जान बचाने के लिए खून की जरूरत होती है। अपने कुत्तों का खून दान करें।

कुत्तों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन कैसे होता है? : गंभीर हालत में कुत्ते को स्वस्थ कुत्ते का खून देकर बचाया जा सकता है। लेकिन यह इंसानों जितना आसान नहीं है। कुत्तों में इंसानों से अलग ब्लड टाइप होते हैं। उनके प्रकार ज्यादा जटिल हैं। अब तक एक दर्जन से ज्यादा अलग-अलग ब्लड टाइप खोजे जा चुके हैं। इस बारे में और रिसर्च चल रही है और ब्लड टाइप बढ़ने की संभावना है। हर ब्लड ग्रुप स्वतंत्र रूप से आनुवंशिक रूप से प्राप्त होता है। यानी कुत्ते में 12+ ब्लड ग्रुप का कोई भी कॉम्बिनेशन हो सकता है।