सार
नई दिल्ली: क्या आप बहुत सालों से एक ही सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं? तो आपको यह खबर जरूर पढ़नी चाहिए। खबर है कि भारत सरकार सभी पुराने सिम बदलने की तैयारी कर रही है। इसलिए ग्राहकों को नया सिम कार्ड लेना अनिवार्य हो सकता है। कुछ लोग लगभग 7-8 सालों से एक ही सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग एमएनपी के जरिए एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में बार-बार बदलते रहते हैं। ऐसे लोगों को भी सिम बदलने की जरूरत पड़ सकती है। यह बदलाव क्यों किया जा रहा है, इसकी जानकारी इस लेख में दी गई है।
कुछ सिम कार्ड में इस्तेमाल होने वाले चिपसेट चीन से आए हैं, ऐसा संदेह है। इस संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने जांच की है और खबर है कि भारत सरकार सिम बदलने का निर्देश दे सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जांच रिपोर्ट में चिंताजनक जानकारी
इस बारे में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से जांच की है। कुछ चिपसेट के इस्तेमाल को लेकर जांच रिपोर्ट में चिंता जताई गई है। यह जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है और अधिकारी सभी जानकारी की बारीकी से जांच कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला होने के कारण सार्वजनिक पुराने सिम कार्ड को बदला जा सकता है या नहीं, इस पर चर्चा चल रही है।
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक ने भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस दौरान दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारी भी बैठक में शामिल थे। इस बैठक में सिम कार्ड वितरण में कमियों और सिम कार्ड को बदला जा सकता है या नहीं? अगर बदला जा सकता है तो कैसे, आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
राष्ट्रीय सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए हुवावे और जेडटीई जैसे चीनी उत्पादों को कुछ साल पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। अब भारत सरकार ने यह अनिवार्य नियम बनाया है कि किसी भी तरह के दूरसंचार उपकरण को दूसरे देशों से आयात करने से पहले उनकी जांच और प्रमाणीकरण किया जाना चाहिए। भारत में इस्तेमाल होने वाले सभी दूरसंचार उत्पाद/सामग्री को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रदर्शन, गुणवत्ता और रक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
चीन का चिपसेट भारत कैसे पहुंचा?
टेलीकॉम कंपनियां आमतौर पर विश्वसनीय और प्रमाणित विक्रेताओं से सिम कार्ड खरीदती हैं। वियतनाम या ताइवान से चिपसेट खरीदे जाते हैं और उन्हें भारत में जोड़ा जाता है। लेकिन कुछ विक्रेताओं ने विश्वसनीय स्रोत प्रमाणन का दुरुपयोग किया है, यह बात सामने आई है। विश्वसनीय स्रोतों से बताकर वास्तव में चीन से चिपसेट आयात किए गए हैं, यह पता चला है।
किस सिम कार्ड पर पड़ेगा असर?
मार्च 2021 में, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने एकीकृत प्रवेश सेवा लाइसेंस में संशोधन किया था। इस संशोधन के अनुसार, भारत की टेलीकॉम कंपनियां अविश्वसनीय विक्रेताओं से कोई भी उत्पाद नहीं खरीद सकती हैं। एनसीएससी को विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं को मंजूरी देने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ विक्रेताओं ने विश्वसनीयता का दुरुपयोग किया है। आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए गए चिप चीनी इकाइयों से आपूर्ति किए गए हैं। 2021 से पहले और बाद के सिम कार्ड पर असर पड़ेगा।