सार

चीनी AI स्टार्टअप डीपसीक पर ओपनएआई ने तकनीक चुराने का आरोप लगाया है। डीपसीक के सस्ते और कम पावर वाले AI टूल से अमेरिकी कंपनियों को झटका लगा है। ओपनएआई जाँच कर रही है कि क्या डीपसीक ने उनकी 'डिस्टिलेशन' तकनीक का गलत इस्तेमाल किया है।

कैलिफ़ॉर्निया: चाइनीज एआई स्टार्टअप डीपसीक ग्लोबल मार्केट में धूम मचा रहा है। इसका असर अमेरिकी मार्केट पर भी दिख रहा है। अब तक टॉप पर रहने वाली कई एआई कंपनियों को डीपसीक की वजह से बड़ा झटका लगा है। ये चाइनीज एआई टूल न सिर्फ़ सस्ता है, बल्कि कम पावर वाले प्रोसेसर और चिपसेट पर भी आसानी से चल जाता है। ऐसे में कई एआई चिप बनाने वाली कंपनियों के शेयर तेज़ी से गिरे हैं। अब सबसे बड़ी एआई कंपनियों में से एक ओपन एआई ने डीपसीक एआई पर कॉपी करने का इल्ज़ाम लगाया है।

चैट जीपीटी चैटबॉट बनाने वाली कंपनी ओपन एआई का कहना है कि चाइनीज कंपनियां उनकी एआई तकनीक चुराने की कोशिश कर रही हैं। आरोप ये भी है कि डीपसीक ने ओपन सोर्स ओपन एआई का इस्तेमाल किया है। ओपन एआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि चीन की कंपनियां और दूसरे लोग लगातार टॉप यूएस एआई कंपनियों के मॉडल कॉपी करने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि, डीपसीक ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस बीच, ओपनएआई और उसकी पार्टनर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चाइनीज कंपनियों द्वारा एआई मॉडल कॉपी करने के मामले की जांच तेज़ कर दी है। ओपनएआई की प्रॉपराइटरी टेक्नोलॉजी 'डिस्टिलेशन' टेक्नीक का डीपसीक ने गलत इस्तेमाल किया है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। पिछले बुधवार को ओपनएआई ने कहा था कि उनके पास चाइनीज कंपनियों की गड़बड़ियों के सबूत हैं। ओपन एआई का कहना है कि वो यूएस सरकार के साथ मिलकर काम करेगी ताकि विरोधियों द्वारा यूएस टेक्नोलॉजी चुराने की कोशिशों से सबसे अच्छे मॉडल को बचाया जा सके।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ओपन एआई को शक है कि डीपसीक ने अपना एआई मॉडल बनाने के लिए 'डिस्टिलेशन' प्रक्रिया का इस्तेमाल किया है। इस तरह की प्रक्रिया छोटे एआई मॉडल को बड़े मॉडल से बेहतर और तेज़ परफॉर्म करने में मदद करती है क्योंकि वो उससे सिर्फ़ अच्छी चीज़ें सीखते हैं और बेकार की चीज़ें छोड़ देते हैं।