माइक्रोसॉफ्ट ने Vaulted Deep के साथ डील साइन की है। जिसके तहत इंसानी मल, गोबर और जैविक कचरा खरीदा जाएगा। जानें आईटी कंपनी को ये फैसला आखिर क्यों लेना पड़ा?
अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) हमेशा सुर्खियों में रहती है। इस बार चर्चा कंपनी द्वारा लिए गए एक फैसले की हो रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में Vaulted Deep नामक स्टार्टअप के साथ 12 सालों के लिए 1.7 बिलियन डॉलर का करार किया है। डील के तहत कंपनी ह्यूमन वेस्टेज, सीवेज, गोबर और अन्य जैविक कचरा खरीदेगी।
भविष्य के लिए माइक्रोसॉफ्ट का प्लान
माइक्रोसॉफ्ट ह्यूमन पॉटी के अलावा गोबर और अन्य कचरा भी खरीदेगी। आम भाषा में इसे बायोस्लरी कहा जाता है, इसे जमीन के 5000 फीट नीचे इंजेक्ट की किया जाएगा। ये लगभग 49 लाख मीट्रिक टन कॉर्बन डाइऑक्साइड वातावरण से हटाने में मदद करेगा।
ह्यूमन पॉटी खरीदने का कारण
दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट अन्य कंपनियों की तरह AI Data पर फोकस कर रही है, जिस कारण कंपनी का कार्बन फुटप्रिंट 2020-2024 के बीच 23% से बढ़कर 30% तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, AI इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते माइक्रोसॉफ्ट ने 75.5 मिलियन मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन किया। ये उत्सर्जन केवल बिजली के प्रयोग से नहीं बल्कि मशीन बनाने, बिल्डिंग मटेरियल जैसे चीजों से भी होता है।
कंपनी का मानना है कि यदि बायोस्लरी को खुले में छोड़ दिया जाए, तो कार्बन डाइऑक्साइड से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ये धीरे-धीरे मिथेन गैस छोड़ती है, जो ग्लोबल वॉर्मिंग का बड़ा कारण है, जब इस कचरे को भूमि के नीचे दबा दिया जाता है तो गैस बाहर नहीं निकलती और ग्लोबल वार्मिंग भी कम होती है।
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टारगेट को पूरा करना चाहती माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रति सजग दिखाई दे रही है। कंपनी का कहना है, केवल वर्तमान नहीं बल्कि इतिहास के कार्बन उत्सर्जन को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। टारगेट पूरा करने के लिए 20250 का लक्ष्य रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अभी तक 83 मिलियन टन के कार्बन रिमूवल क्रेडिट खरीद चुकी है, जिनमें से 59 मिलियन टन केवल 2025 में खरीदा गया है।
बता दें, ये पहली बार नहीं है जब माइक्रोसॉफ्ट ने किसी कंपनी के साथ इस तरह की डील की हो। इससे पहले Microsoft ने AtmosClear के साथ डील की थी, जिसके तहत 6.75 मिलियन टन कार्बन हटाने का लक्ष्य रख गया था।