Thermometer Reading Common Mistakes in Hindi : क्या आपको थर्मामीटर सही तरह इस्तेमाल करना आता है? बुखार मापने में की गई छोटी सी गलती गंभीर परेशानी बन सकती है। इस आर्टिकल में जानिए थर्मामीटर का सही-सही यूज और कुछ कॉमन गलतियों से बचने का तरीका। 

Digital Thermometer Use and Mistakes : मानसून आया नहीं कि बुखार, खांसी, वायरल की झड़ी लग जाती है। ऐसे में सबसे पहले जो चीज काम आती है, वो है थर्मामीटर। लेकिन क्या आप जानते हैं, ज्यादातर लोग इन दिनों यूज होने वाले डिजिटल थर्मामीटर को गलत तरीके से पढ़ते हैं, जिससे न सिर्फ दवा गलत होती है, बल्कि सेहत पर भी असर पड़ सकता है। आज भी बहुत से लोग थर्मामीटर को सिर्फ 'मुंह में रखने की चीज' समझते हैं, लेकिन कहां रखना है, कितनी देर और कैसे रीडिंग पढ़नी है, ये नहीं जानते हैं। इस आर्टिकल में जानिए कैसे थर्मामीटर सही तरह से यूज करें, कौन-सी गलतियां आप बार-बार कर रहे हैं और फीवर का टेंपरेचर चेक करने का सही तरीका क्या है?

थर्मामीटर कितने कितने टाइप के होते हैं?

1. मर्करी थर्मामीटर, जो पारंपरिक, लेकिन अब धीरे-धीरे बंद हो रहा है।

2. डिजिटल थर्मामीटर,जो घरों से लेकर हॉस्पिटल्स तक में सबसे ज्यादा यूज हो रहा है।

3. इन्फ्रारेड थर्मामीटर (Infrared Thermometer), जिससे फॉरहेड से मापा जाता है, कोविड के बाद से काफी पॉपुलर हुआ है।

थर्मामीटर से बुखार चेक करते समय सबसे कॉमन गलतियां क्या हैं?

  1. बिना टाइम देखे फीवर चेक करना यानी मुंह में थर्मामीटर रखकर 5 सेकंड में ही निकाल देने से गलत रीडिंग आती है।
  2. ठंडी चीज़ खाने या गरम चाय पीने के बाद तुरंत मापेंगे तो टेम्परेचर बिगड़ जाएगा।
  3. मुंह, बगल और रेक्टल का टेम्परेचर अलग होता है, गलत जगह थर्मामीटर रखकर नापेंगे तो रीडिंग एक जैसी नहीं आएगी।
  4. मल्टीपल यूज के बाद भी थर्मामीटर को सैनिटाइज न करना हानिकारक हो सकता है। थर्मामीटर पर कीटाणु रह जाते हैं, जिससे इंफेक्शन फैल सकता है।
  5. पढ़ने में जल्दबाज़ी नहीं करना चाहिए, मर्करी थर्मामीटर को आंख के लेवल पर रखें और तब तक पढ़ें जब तक पारा स्थिर न हो।
  6. 100 का मतलब बुखार है? नहीं, आपको फॉरेनहाइट और सेल्सियस की यूनिट्स की सही-सही जानकारी होनी चाहिए।
  7. गंदे या टूटे थर्मामीटर से मापना भी एक बड़ी गलती है। ये न सिर्फ गलत रीडिंग देगा बल्कि जहर फैला सकता है, जैसे मर्करी लीक होना।

थर्मामीटर से टेंपरेचर यानी फीवर कैसे चेक करें?

1. मुंह से मापना (Oral)

  • थर्मामीटर जीभ के नीचे रखें।
  • मुंह बंद रखें।
  • डिजिटल है तो बीप तक, मर्करी है तो कम से कम 2-3 मिनट।

2. बगल से मापना (Axillary)

  • थर्मामीटर को पूरी तरह बगल के बीच में रखें।
  • हाथ कसकर दबाएं।
  • कम से कम 4-5 मिनट तक रखें।

3. रेक्टल से मापना (Rectal)

  • ज्यादातर बच्चों में किया जाता है।
  • वैसलीन (Vaseline) लगाकर धीरे से डालें।
  • डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

बॉडी के किस टेंपरेचर पर क्या समझें?

अगर थर्मामीटर में 36.1 से लेकर 37.2 रीडिंग आ रही है तो सबकुछ नॉर्मल है। अगर रीडिंग 37.3 से 38.0 तक आ रही है तो समझ जाएं कि हल्का बुखार है। वहीं, 38.1 से 39.0 तक मीडियम लेवल का बुखार और 39.1 से ज्यादा तेज बुखार का संकेत है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डिजिटल या मर्करी थर्मामीटर कौन ज्यादा अच्छा है?

  • डिजिटल थर्मामीटर में रीडिंग टाइम 10-30 सेकंड होती है, जबकि मर्करी में 2-3 मिनट।
  • डिजिटल थर्मामीटर रीड करने में आसान होता है।
  • डिजिटल को सैनिटाइजेशन करना भी आसान होता है, जबकि मर्करी थर्मामीटर को थोड़ा मुश्किल।
  • अगर डिजिटल थर्मामीटर टूटता है तो कोई खतरा नहीं होता है लेकिन अगर मर्करी टूटता है तो खतरा हो सकता है, क्योंकि ये जहरीला होता है।
  • डिजिटल थर्मामीटर से टेंपरेचर एक्युरेसी 95-98% तक और मर्करी में 98-99% होती है।