सार
पासवर्ड पता होने पर भी फ़ोन का डेटा चोरी नहीं हो पाएगा। गूगल का धांसू फ़ीचर।
आजकल स्मार्टफ़ोन हर किसी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। पुरानी यादों से लेकर वित्तीय जानकारी तक, कई लोग स्मार्टफ़ोन पर ही सब कुछ सेव रखते हैं। अगर कोई दूसरा इस डेटा को एक्सेस कर ले, तो स्मार्टफ़ोन यूज़र्स के लिए ये बड़ी मुसीबत बन सकती है। ऐसी डेटा चोरी रोकने के लिए गूगल ने एंड्रॉइड स्मार्टफ़ोन के लिए एक नया फ़ीचर लाया है, जिसका नाम है 'आईडेंटिटी चेक'। ये एक बायोमेट्रिक आधारित फ़ीचर है।
इस फ़ीचर का काम है चोरी जैसी घटनाओं में डेटा को सुरक्षित रखना। फिलहाल ये फ़ीचर एंड्रॉइड 15 पर चलने वाले गूगल पिक्सल और सैमसंग गैलेक्सी फ़ोन के लिए जारी किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाद में ये दूसरे डिवाइस के लिए भी उपलब्ध हो सकता है।
ये अतिरिक्त सुरक्षा फ़ीचर तभी काम करेगा जब फ़ोन आपके घर जैसे विश्वसनीय जगहों से बाहर होगा। अगर फ़ोन चोरी हो जाए या कोई पासवर्ड जानने वाला उसे खोलकर इस्तेमाल करे, तो ये फ़ीचर उसे रोकेगा। मतलब, पासवर्ड से फ़ोन अनलॉक होने या चोरी होने पर भी आपका डेटा एक्सेस नहीं किया जा सकेगा।
विश्वसनीय जगहों के बाहर फ़ोन की सेटिंग्स और अकाउंट एक्सेस करने के लिए, यूज़र को अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देनी होगी। यूज़र्स कई विश्वसनीय जगहें भी जोड़ सकते हैं। अगर कोई बायोमेट्रिक जानकारी सही से नहीं दे पाता, तो वो पिन कोड भी नहीं बदल पाएगा। साथ ही, 'फ़ाइंड माय डिवाइस' और 'थेफ़्ट प्रोटेक्शन' जैसे फ़ीचर भी बंद नहीं कर पाएगा।
गूगल का दावा है कि 'आईडेंटिटी चेक' फ़ीचर से चोरों के लिए एंटी-थेफ़्ट फ़ीचर बंद करना या सुरक्षा सेटिंग्स बदलना मुश्किल होगा। लेकिन गूगल ये भी बताता है कि अगर आपका फ़ोन एक्सेस करने वाला पहले से ही किसी विश्वसनीय जगह पर है, तो ये फ़ीचर पूरी तरह से काम नहीं कर पाएगा। फिलहाल ये फ़ीचर सिर्फ़ क्लास 3 बायोमेट्रिक्स सपोर्ट करने वाले स्मार्टफ़ोन पर ही मिलेगा। इन-डिस्प्ले फ़िंगरप्रिंट सेंसर (अल्ट्रासोनिक या ऑप्टिकल) और 3D फ़ेस रिकग्निशन वाले स्मार्टफ़ोन को क्लास 3 बायोमेट्रिक डिवाइस माना जाएगा। पहले इसे 'स्ट्रॉन्ग बायोमेट्रिक्स' कहा जाता था।