सार
फ़ेसबुक ने सिर्फ़ 17 सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनकर इतिहास रच दिया है। माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, टेस्ला और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों को भी इस मुकाम तक पहुँचने में ज़्यादा समय लगा।
न्यूयॉर्क : दुनिया के सबसे बड़े बिज़नेस साम्राज्य बनाने वाले उद्यमियों और टेक एक्सपर्ट्स ने कई ऐतिहासिक काम किए हैं। छोटी सी शुरुआत से शुरू करके आज ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां बन गई हैं। रोज करोड़ों रुपये कमा रही हैं और लाखों लोगों को नौकरी दे रही हैं। हर बड़ी कंपनी ने मेहनत, लगन और संघर्ष से ये मुकाम हासिल किया है। अब फेसबुक ने कम समय में ही बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। जी हाँ, 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनने में फेसबुक को सिर्फ 17 साल लगे। दूसरी कंपनियों से तुलना करें तो ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।
किसी भी कंपनी के लिए मार्केट में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की कंपनी बनना आसान नहीं होता। नई कंपनी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और सफलता पाती है। ये एक लंबा सफर होता है। रातों-रात कोई भी कंपनी ट्रिलियन डॉलर की नहीं बन जाती।
माइक्रोसॉफ्ट को 44 साल, फेसबुक को 17 साल
माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे ज़्यादा वैल्यू वाली कंपनी है। इसकी मार्केट वैल्यू 3.26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। ये कई देशों की जीडीपी से भी ज़्यादा है। बिल गेट्स और उनके साथियों ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत की थी और ये धीरे-धीरे आगे बढ़ी। माइक्रोसॉफ्ट को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वैल्यू तक पहुँचने में 44 साल लगे। अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस, जिन्होंने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में जगह बनाई, उन्हें अपनी कंपनी को 1 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू तक पहुँचाने में 24 साल लगे। जेफ बेजोस ने कड़ी मेहनत और लगन से ये मुकाम हासिल किया। अब उनकी कंपनी की वैल्यू लगातार बढ़ रही है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क अपनी टेस्ला कंपनी से खूब कमाई कर रहे हैं। लेकिन टेस्ला को 1 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू पाने में 18 साल लगे। गूगल को 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनने में 21 साल लगे।
लेकिन फेसबुक को 1 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू तक पहुँचने में सिर्फ 17 साल लगे। इस तरह, सबसे कम समय में 1 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बनने का रिकॉर्ड फेसबुक के नाम है। 2021 में फेसबुक की पैरेंट कंपनी का नाम बदलकर मेटा कर दिया गया। ख़ास बात ये है कि जब मार्क ज़करबर्ग ने फेसबुक शुरू किया था, तब उनकी उम्र सिर्फ 19 साल थी।