सार

बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने AI की वजह से नौकरी जाने और घर का सपना टूटने का डर जताया है। Reddit पर शेयर की गई पोस्ट में उसने 25 साल के होम लोन की चिंता जताई और कहा कि नौकरी की अनिश्चितता में किराए के घर में रहना बेहतर है।

बेंगलुरु: आजकल हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर से गुज़र रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि AI इंसानों की नौकरियां छीन लेगा, खासकर टेक इंडस्ट्री में। मेटा के मालिक मार्क ज़करबर्ग ने भी कहा था कि आने वाले सालों में AI सभी नौकरियां खा जाएगा। अब बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर का पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें उसने AI की वजह से घर के सपने के टूटने का डर ज़ाहिर किया है।

यह पोस्ट Reddit पर शेयर किया गया था। Reddit इंडिया के रियल एस्टेट फोरम r/indianrealestate पर यह पोस्ट चर्चा का विषय बन गया है। इस पोस्ट में बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने AI के बढ़ते प्रभाव और बेंगलुरु में घर खरीदने के अपने सपने पर इसके असर को लेकर चिंता जताई है।

इस डेवलपर ने अपनी पोस्ट में बताया है कि उसे बेंगलुरु में 25 साल का होम लोन लेने में डर लग रहा है। उसे AI के बढ़ते प्रभाव और इससे पैदा होने वाली अनिश्चितता की भी चिंता है। IT इंडस्ट्री में इस बात का डर बढ़ रहा है कि AI की वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियां जा सकती हैं। IT डेवलपर्स सबसे ज़्यादा परेशान हैं क्योंकि AI ने कई बार साबित कर दिया है कि वो एक बेहतरीन कोडर है। कई मामलों में तो AI ने इंसानी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से भी बेहतर सॉफ्टवेयर बनाया है।

पोस्ट में सबसे बड़ी चिंता यही जताई गई है कि भविष्य में AI टेक जॉब्स की जगह ले लेगा। टेकी ने सवाल किया है कि अगर ऐसा हुआ तो वो बेंगलुरु में घर खरीदने के लिए लिया गया होम लोन कैसे चुकाएगा? उसने कहा कि नौकरी की अनिश्चितता के इस दौर में किराए के घर में रहना बेहतर है, क्योंकि अगर AI की वजह से नौकरी चली गई तो वो बिना कर्ज़ के अपने घर वापस जा सकेगा।

इस पोस्ट पर कई कमेंट्स और चर्चा हो रही है। कई लोग AI के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जता रहे हैं। कुछ लोग सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को सलाह दे रहे हैं कि इस समय होम लोन के जाल में न फंसें। कई लोगों ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि नौकरी जाने का डर लोगों की मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।

हालांकि, सभी राय नकारात्मक नहीं थीं। कुछ कमेंट्स में उम्मीद की किरण भी दिखी। कुछ लोगों का कहना है कि AI को लेकर फैलाया जा रहा डर ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। उनका मानना है कि AI नौकरियों की दुनिया को बदलेगा ज़रूर, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं करेगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग AI का इस्तेमाल कैसे करते हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नौकरी जाने का डर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। टेक्नोलॉजी और AI में तेज़ी से हो रहे बदलावों ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया है। कंपनियों के भविष्य और AI के इस्तेमाल को लेकर अनिश्चितता ने लोगों में बेचैनी पैदा कर दी है। इससे नए और अनुभवी, दोनों तरह के प्रोफेशनल्स परेशान हैं। बेंगलुरु के इस टेकी का पोस्ट इस बड़ी समस्या की एक छोटी सी झलक है।