सार
29 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलने वाला यह टेक्नोलॉजी समिट जियोपॉलिटिक्स ऑफ टेक्नोलॉजी पर केंद्रीत है। इसमें टेक्नोलॉजी पॉलिसी, साइबर रेसिलिएंस, डिजिटल हेल्थ, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर और भारत की G20 प्रेसीडेंसी समेत अन्य मुद्दों पर बात होगी।
नई दिल्ली। 29 नवंबर से कार्नेगी इंडिया का ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (जीटीएस) शुरू होगा। यह सातवां शिखर सम्मेलन है। साल में एक बार होने वाले इस इवेंट का को-होस्ट विदेश मंत्रालय है। इसके साथ ही इसे कर्नाटक सरकार और भारत के शीर्ष टेक्नोलॉजी संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है।
29 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलने वाला यह टेक्नोलॉजी समिट जियोपॉलिटिक्स ऑफ टेक्नोलॉजी पर केंद्रीत है। इसमें टेक्नोलॉजी पॉलिसी, साइबर रेसिलिएंस, डिजिटल हेल्थ, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर और भारत की G20 प्रेसीडेंसी समेत अन्य मुद्दों पर बात होगी।
शिखर सम्मेलन ये लोग रखेंगे अपनी बात
- अमिताभ कांत, भारत के G20 शेरपा
- अजय कुमार सूद, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, भारत सरकार
- साने ताकाची, जापान के आर्थिक सुरक्षा मंत्री
- आर.एस. शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ
- निवृति राय, इंडिया हेड, इंटेल कोऑपरेशन
- मार्कस बार्टले जॉन्स, माइक्रोसॉफ्ट एशिया के क्षेत्रीय निदेशक- सरकारी मामले और सार्वजनिक नीति
- मेलिंडा क्लेबॉघ- मेटा की गोपनीयता नीति निदेशक
- सीन ब्लाश्के, सह-संस्थापक और यूनिसेफ समन्वयक, डिजिटल हेल्थ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
- अमनदीप सिंह गिल, टेक्नोलॉजी पर संयुक्त राष्ट्र के मुख्य दूत
गौरतलब है कि ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, बिजनेस लीडर्स, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को सुनने का दुर्लभ अवसर होगा। शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन ओपन है। रजिस्ट्रेशन करने और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यहां क्लिक करें।
कार्नेगी इंडिया नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक है। यह मजबूत वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें बीजिंग, बेरूत, ब्रुसेल्स और वाशिंगटन में 150 से अधिक विद्वान शामिल हैं। यह थिंक टैंक टेक्नोलॉजी और समाज, राजनीतिक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा अध्ययन पर केंद्रित है।