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Pongal Kyo Manate hai: हमारे देश में एक त्योहार अलग-अलग जगहों पर विभिन्न नामों से मनाया जाता है। मकर संक्रांति भी इनमें से एक है। तमिलनाडु में ये पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। ये उत्सव 4 दिनों तक चलता है।
Ganesh Mantra: हर शुभ काम से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है, इसलिए इन्हें प्रथम पूज्य भी कहा जाता है। भगवान श्रीगणेश के मंत्रों का जाप करने से हर तरह की मुश्किलें टल जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Lohri 2025: हर साल मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर यानी एक दिन पहले लोहड़ी उत्सव मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस पर्व की बड़ी धूम रहती है। लोग इस दिन नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं।
Mangalwar Upay: धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी का जन्म मंगलवार को हुआ था, इसलिए इस दिन इनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। अगर हर मंगलवार हनुमानजी को कुछ खास चीजें चढ़ाई जाएं तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है।
Makar Sankranti 2025 Shubh Muhurat: इस बार मकर संक्रांति का का पर्व 14 जनवरी, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। ये काम मुहूर्त देखकर किया जाए तो और भी शुभ रहता है।
Makar Sankranti 2025 Kab Hai: हमारे देश में कईं ऐसे किले हैं, जिनसे कईं रहस्य जुड़े हुए हैं। ऐसे ही एक किला पन्ना जिले के अजयगढ़ में भी है। खास बात ये है कि इस किले में जो मंदिर है वो साल में सिर्फ एक बार मकर संक्रांति पर ही खुलता है।
Shivji Ke Mantra: हमारे धर्म ग्रंथों में शिवजी के अनेक मंत्रों के बारे में बताया गया है। लेकिन इन सभी में महामृत्युंजय मंत्र का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से मौत को भी मात दी जा सकती है।
Paush Putrada Ekadashi 2025: एक हिंदू वर्ष में कुल 24 एकादशी होती है। इन सभी के नाम, महत्व और कथा अलग-अलग है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इसका विशेष महत्व है।
Makar Sankranti 2025: हर साल जनवरी में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। आमतौर पर लोग सिर्फ इस एक दिन को ही संक्रांति के रूप में जानते हैं। जबकि साल में हर महीने में संक्रांति होती है। जानें संक्रांति से जुड़ी रोचक बातें…
Hindu Tradition: हिंदू धर्म में पूजा से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं। इन नियमों में ये भी बताया गया है भगवान की पूजा करते समय किस धातु के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए और देवताओं की कौन-सी धातु बहुत अधिक प्रिय है।