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Kaal Bhairav Ashtami 2024: भगवान शिव के अनेक अवतार हैं, कालभैरव भी इनमें से एक है। हर साल अगहन मास में कालभैरव जयंती मनाई जाती है, इसे कालभैरव अष्टमी भी कहते हैं। जानें इस बार कब है कालभैरव अष्टमी 2024?
Dev Diwali 2024 Kab Hai: हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर काशी में देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व क्यों मनाते हैं, इससे जुड़ी एक रोचक कथा हमारे धर्म ग्रंथों में मिलती है। आगे जानिए कब है देव दिवाली और ये क्यों मनाते हैं?
Devuthani Ekadashi 2024: हर साल देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। ये परंपरा हजारों साल पुरानी है। अनेक धर्म ग्रंथों में इसका वर्णन भी मिलता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी का विवाह शालिग्राम शिला से ही क्यों करवाया जाता है।
Shubh Muhurat 2025: 12 नवंबर, मंगलवार को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन से मांगलिक कामों पर लगी रोक हट जाएगी और विवाह, मुंडन आदि के लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।
Premananda Maharaj: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से मिलने रोज हजारों लोग आते हैं। सभी अपनी-अपनी समस्या बाबा को बताते हैं। बाबा उन सभी की समस्या का समाधान भी करते हैं और नाप जप करने की सलाह देते हैं।
Tulsi Vivah 2024: मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद से जागते हैं। इस दिन तुलसी विवाह करने की परंपरा भी है। ये परंपरा काफी पुरानी है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
Dev Diwali 2024: दिवाली के 15 दिन बाद यानी कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करने की परंपरा है। इस पर्व से कईं कथाएं और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
Vaikuntha Chaturdashi 2024 Kab Hai: कार्तिक मास में एक ऐसा ही पर्व भी मनाया जाता है जिसमें भगवान शिव और विष्णु की साथ में पूजा की जाती है। इसे वैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। जानें कब है वैकुंठ चतुर्दशी 2024?
Khatu Shyam Birthday 2024 Kab Hai: भगवान खाटू श्याम का जन्मदिन हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी पर मनाया जाता है। इस दिन राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में बड़े आयोजन किए जाते हैं। जानें इस बार कब है भगवान खाटूश्याम का जन्मदिन?
Gopashtami 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में गायों की पूजा करने की परंपरा है। गायों की पूजा के लिए दिवाली के बाद गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। ये पर्व क्यों मनाते हैं, इसके लिए भगवान श्रीकृष्ण की एक कथा जुड़ी हुई है।