सार
उत्तराखंड के बद्रीनाथ के माणा गांव में हिमस्खलन से 4 लोगों की मौत 5 की तलाश जारी। बचाव अभियान में के हेलीकॉप्टर तैनात।
Uttarakhand Badrinath Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ में माणा गांव के पास आए हिमस्खलन से प्रभावित लोगों को बचाने का अभियान शनिवार दोपहर तक जारी रहा। शुक्रवार को यहां हिमस्खलन आया था, जिससे सीमा सड़क संगठन (BRO) का शिविर प्रभावित हुआ। शनिवार को हादसे में कम के कम चार मजदूरों के मारे जाने की पुष्टि हुई। 5 अभी भी फंसे हुए हैं। घायलों का इलाज सेना के अस्पताल में किया जा रहा है।
बचाव अभियान में सेना के 6 हेलीकॉप्टर तैनात बर्फ में फंसे 5 लोगों को बचाने के लिए अभियान जारी है। बचाए गए मजदूरों को इलाज के लिए जोशीमठ ले जाने के लिए 6 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि 23 लोगों को जोशीमठ पहुंचाया गया है।
हादसे से प्रभावित हुए शिविर में 55 मजदूर थे। वे करीब 24 घंटे बर्फ में फंसे रहे। शनिवार को 17 लोगों को बचाया गया। इनमें से तीन की हालत गंभीर है। मौसम ठीक होने पर उन्हें सिविल हेलीकॉप्टरों से जोशीमठ ले जाया गया।
बर्फ हटाने के काम में लगे थे बीआरओ के मजदूर
शुक्रवार को रात होने के कारण बचाव अभियान रोका गया था। पहले दिन के अंत तक 33 मजदूरों को बचाया गया था। भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित अंतिम गांव माना में सेना की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए बर्फ हटाने के काम में लगे 55 श्रमिक शुक्रवार सुबह 7:15 बजे बीआरओ शिविर में हिमस्खलन के कारण फंस गए थे। वे आठ कंटेनरों और एक शेड के अंदर दब गए थे।
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केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि तीन कंटेनरों में फंसे मजदूरों की तलाश की जा रही है। भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (जिसमें आईबेक्स बिगेड के 100 से अधिक कर्मी शामिल थे) को तुरंत डॉक्टरों, एम्बुलेंस और उपकरणों के साथ तैनात किया गया। शुक्रवार सुबह 11:50 बजे तक 5 कंटेनरों का पता लगा लिया गया था। इनमें 10 लोग फंसे थे। सभी को जीवित बचा लिया गया। 10 में से चार मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है।
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