सार
27 जनवरी 2025, देहरादून – उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य में लिंग, जाति या धर्म के आधार पर अब कोई भेदभाव नहीं होगा। इसके साथ ही प्रदेश में हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाएं भी समाप्त हो जाएंगी। यह देश का पहला राज्य होगा, जहां यह कानून प्रभावी हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने किया ऐलान
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "हमने 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेशवासियों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। अब हमने सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और यूसीसी लागू होने के लिए तैयार है।"
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आज से यूसीसी पोर्टल की शुरुआत
सीएम धामी आज (27 जनवरी) दोपहर 12.30 बजे सचिवालय में यूसीसी पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। इस पोर्टल के माध्यम से विवाह, तलाक, लिव-इन, विरासत जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा सकेगा। इसके अलावा, यूसीसी के तहत राज्यभर में नियमावली का भी लोकार्पण किया जाएगा।
तीन-स्तरीय रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
यूसीसी पोर्टल के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए तीन-स्तरीय व्यवस्था होगी। यदि किसी को इंटरनेट की सुविधा नहीं है या पोर्टल काम नहीं कर रहा है, तो पंजीकरण सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से किया जा सकेगा। इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही, यदि किसी को कोई शिकायत होती है, तो उसे पोर्टल पर दर्ज कराया जा सकेगा।
महत्वपूर्ण बदलाव
- तलाक और विवाह संबंधी प्रक्रियाएं: तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी आवश्यक होगी और विवाह तोड़ने पर 60 दिन के भीतर पोर्टल पर सूचना देनी होगी।
- लिव-इन में पंजीकरण: लिव-इन में रहने वाले व्यक्तियों को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा।
- गवाह की आवश्यकता: उत्तराधिकारी बनने के लिए गवाह की आवश्यकता होगी।
- इसके अलावा, पंचायत, पालिका और निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाएंगे।
भाजपा शासित राज्यों में यूसीसी का विस्तार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि भाजपा शासित सभी राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड में हलाला, बहुविवाह और अन्य प्रथाएं समाप्त हो जाएंगी।
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