Neem Karoli Baba Maharaj: 15 June को बाबा नीम करोली महाराज के स्थापना दिवस पर कैंचीधाम में हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा। दिल्ली से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से कैंचीधाम कैसे पहुंचें, जानिए पूरी जानकारी।
Kainchi Dham anniversary celebration: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंचीधाम इन दिनों हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसका कारण है, 15 जून को होने वाला बाबा नीम करोली महाराज का स्थापना दिवस। हर साल की तरह इस बार भी इस मौके पर देश-विदेश से भक्त यहां पहुंच रहे हैं।
कौन थे बाबा नीम करोली? भक्ति और साधना की मिसाल
बाबा नीम करोली हनुमान जी के परम भक्त माने जाते हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे स्वयं हनुमान जी के अवतार थे। उनकी भक्ति, त्याग और सादगी आज भी लाखों लोगों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। बाबा के नाम मात्र से लोग मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।
कैंचीधाम: केवल एक आश्रम नहीं, आत्मशांति का केंद्र
नैनीताल के पास स्थित कैंचीधाम आश्रम वह स्थान है, जहां बाबा नीम करोली ने कई वर्षों तक साधना की। यह जगह न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भरपूर मानी जाती है। यहां आने वाले लोग कहते हैं कि इस धाम में प्रवेश करते ही एक अलग ही ऊर्जा और शांति का अनुभव होता है।
15 जून को हर साल मनाया जाता है कैंचीधाम का स्थापना दिवस
हर वर्ष 15 जून को कैंचीधाम में स्थापना दिवस का आयोजन बड़े भव्य रूप में होता है। इस मौके पर हज़ारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को आते हैं। मेले में बाबा की भक्ति से जुड़ी कई गतिविधियां होती हैं, जिसमें भंडारा, कीर्तन और सत्संग प्रमुख हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर व्यवस्थाएं संभालते हैं।
दिल्ली से कैंचीधाम कैसे पहुंचें? यहां है पूरा यात्रा मार्गदर्शन
दिल्ली से कैंचीधाम जाने के लिए तीनों विकल्प, रेल, सड़क और हवाई मार्ग, उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग:
- दिल्ली से काठगोदाम तक रानीखेत एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनें चलती हैं।
- काठगोदाम से कैंचीधाम की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है, जिसे आप टैक्सी या शेयरिंग कैब से तय कर सकते हैं।
हवाई मार्ग:
- दिल्ली से पंतनगर तक की फ्लाइट लेकर वहां से टैक्सी के माध्यम से कैंचीधाम पहुंचा जा सकता है।
- यह मार्ग सबसे तेज़ और सुविधाजनक माना जाता है।
सड़क मार्ग:
दिल्ली से अपनी गाड़ी द्वारा भी कैंचीधाम पहुंच सकते हैं।
- दिल्ली–हापुड़–मुरादाबाद–रुद्रपुर होते हुए काठगोदाम, और वहां से कैंचीधाम का रास्ता मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर है।
नैनीताल से भी है आसान पहुंच, जाम से भी रहते हैं दूर
कैंचीधाम, नैनीताल से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। चूंकि इसका रास्ता नैनीताल वाले मुख्य मार्ग से अलग है, इसलिए आमतौर पर यहां ट्रैफिक कम होता है। इस कारण श्रद्धालु आसानी से मंदिर पहुंच सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जगह-जगह मेडिकल स्टाफ, पुलिस बल और स्वच्छता टीमों को तैनात किया गया है।
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