सार
char dham yatra travel tips: चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू हो रही है! जानिए रजिस्ट्रेशन, रूट मैप, ठहरने की जगह और यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें। क्या आप भी इस पवित्र यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हैं?
Char Dham Yatra 2025:अगर आपके दिल में भी चारधाम के दर्शन की वर्षों से अधूरी मुराद है, तो अब समय आ गया है उसे पूरा करने का। 30 अप्रैल 2025 से चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है और इस बार अनुमान है कि 50 लाख से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा पर निकलेंगे। लेकिन ध्यान रखें, चारधाम यात्रा केवल आस्था का सफर नहीं, बल्कि एक सही योजना और तैयारी का भी इम्तिहान है। रजिस्ट्रेशन से लेकर रूट मैप और ठहरने की जगह तक – जानिए इस रिपोर्ट में वो सब कुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है।
चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत कब से?
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल 2025 से होगी। इस दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे खुलेंगे, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को दर्शनार्थ खुलेंगे।
यात्रा का सही क्रम क्या है?
चारधाम यात्रा का पारंपरिक क्रम इस प्रकार है:
- यमुनोत्री
- गंगोत्री
- केदारनाथ
- बद्रीनाथ
सबसे पहले यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ में यात्रा संपन्न होती है।
चारधाम यात्रा के लिए कैसे पहुंचे?
हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से अपनी यात्रा की शुरुआत करें। अगर आप दूर से आ रहे हैं तो हरिद्वार या देहरादून रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से पहुंचें, यहां से बस या टैक्सी के जरिए आगे का सफर तय करें।
यहां देखिये पूरा रूट मैप:
हरिद्वार - ऋषिकेश - बरकोट - जानकी चट्टी - यमुनोत्री
यमुनोत्री -उत्तरकाशी - हर्सिल - गंगोत्री
गंगोत्री - घनसाली -अगस्त्यमुनि - गुप्तकाशी - केदारनाथ
केदारनाथ -चमोली - गोपेश्वर - गोविंद घाट - बद्रीनाथ
बद्रीनाथ के बाद जोशीमठ होते हुए ऋषिकेश या हरिद्वार वापसी कर सकते हैं।
यात्रा के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
- चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा हरिद्वार और ऋषिकेश में भी उपलब्ध है।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज साथ रखें।
यात्रा के दौरान किन जरूरी बातों का रखें ध्यान?
- ऊंचाई वाले इलाकों के लिए मोटे गर्म कपड़े साथ ले जाएं।
- अपने पास टॉर्च, पानी की बोतल और हल्का भोजन जरूर रखें।
- स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें और यात्रा से पहले मेडिकल चेकअप करवा लें।
- मौसम की स्थिति की जानकारी लेते रहें, क्योंकि बारिश और बर्फबारी से रास्ते बंद हो सकते हैं।
जाने से पहले दर्शन के समय भी जान लीजिए
- यमुनोत्री और गंगोत्री: सुबह 6:15 बजे से रात 9:30 बजे तक (दोपहर 12-2 बंद)
- केदारनाथ: सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक (दोपहर 3-5 बंद)
- बद्रीनाथ: सुबह 4:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक, फिर शाम 4 से रात 9 बजे तक
चारधाम यात्रा के दौरान आप कहां-कहां रुक सकते हैं?
चारधाम यात्रा के प्रमुख स्टॉप्स पर होटल और कैंपिंग की व्यवस्था मिल जाती है:
- गुप्तकाशी
- बरकोट
- देवप्रयाग
- जोशीमठ
- बद्रीनाथ
- चमोली
- उत्तरकाशी
- रुद्रप्रयाग
भीड़ ज्यादा होने के कारण पहले से होटल की बुकिंग कराना बेहतर रहेगा।
चारधाम यात्रा 2025 में आप भी अपने जीवन के सबसे पवित्र सफर पर निकल सकते हैं, बस थोड़ी सी प्लानिंग और तैयारी की जरूरत है। सही रूट, पुख्ता इंतजाम और सच्ची श्रद्धा के साथ आपका यह यात्रा अनुभव अविस्मरणीय बन सकता है। तो देर किस बात की? चारधाम यात्रा की तैयारी अभी से शुरू कर दीजिए!
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