Uttarakhand glacier collapse: उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मच गई। इस हादसे में सड़क निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ के नीचे फंस गए हैं। राहत की बात यह है कि अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन बाकी लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है।
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से मची अफरा-तफरी
राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी नीलेश आनंद भरणे ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा, "सीमा क्षेत्र माणा में सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप के पास भीषण हिमस्खलन हुआ है। इसमें सड़क निर्माण में लगे कई मजदूर फंस गए हैं। अब तक 10 लोगों को बचा लिया गया है, जिन्हें गंभीर हालत में माणा के पास सेना के कैंप में भर्ती कराया गया है।"
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मौके पर मौजूद बीआरओ के अधिशासी अभियंता सीआर मीना ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानियां आ रही हैं। बचाव कार्य के लिए तीन से चार एंबुलेंस भी भेजी गई हैं, लेकिन खराब मौसम और रास्ते में जमी मोटी बर्फ की वजह से राहत दल को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है।
सीएम ने दिए रेस्क्यू तेज करने के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और केंद्र सरकार से भी मदद मांगी गई है। इस भयावह आपदा के बाद स्थानीय प्रशासन, सेना और बीआरओ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है। पूरे राज्य की नजरें इस बचाव अभियान पर टिकी हैं, क्योंकि बर्फ में फंसे 47 मजदूरों की सलामती को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
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