योगी सरकार के अनुपूरक बजट से छात्रवृत्ति, दिव्यांग सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण योजनाओं को नई रफ्तार मिली है। ओबीसी, अनुसूचित जाति-जनजाति, वृद्धजन और कन्याओं के विवाह हेतु अतिरिक्त अनुदान से समावेशी विकास को मजबूती दी गई है।
उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को नई गति देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनुपूरक बजट के जरिए समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं को मजबूत किया है। छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य, विवाह सहायता और दिव्यांग सशक्तिकरण जैसे अहम क्षेत्रों में अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान कर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वंचित वर्गों का उत्थान उसकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।
समाज कल्याण विभाग पर विशेष फोकस
अनुपूरक बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के भुगतान को सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है। सरकार का उद्देश्य यह है कि आर्थिक कारणों से किसी भी छात्र की पढ़ाई बाधित न हो।
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स्वास्थ्य सेवाओं को मिली बड़ी मजबूती
अनुसूचित जाति के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में मानक मदों हेतु 15.46 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अनुसूचित जाति के लिए 1223.55 करोड़ रुपये का अनुपूरक अनुदान दिया गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ किया जा सके। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के लिए अलग से 11.40 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई है।
ओबीसी छात्रवृत्ति योजनाओं को मिलेगा निरंतर लाभ
प्रदेश के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में दशमोत्तर कक्षाओं में पढ़ रहे ओबीसी विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2024–25 के अवशेष भुगतान और वर्ष 2025–26 के पात्र छात्रों हेतु लगभग 362 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे छात्रवृत्ति योजनाएं बिना किसी रुकावट के जारी रहेंगी।
विवाह सहायता और छात्रावास निर्माण पर जोर
अनुपूरक बजट में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन कर्मियों की पुत्रियों के विवाह हेतु 32 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक संस्थानों में छात्रावास निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।
वृद्धजनों और सामूहिक विवाह योजनाओं को समर्थन
अटल वयो अभ्युदय योजना के तहत वृद्धजनों को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से 5.59 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान कर सरकार ने गरीब परिवारों को बड़ा सामाजिक संबल देने का प्रयास किया है।
दिव्यांग सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम
दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों में ई-ऑफिस संचालन के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कनेक्टिविटी हेतु 1 करोड़ रुपयेकी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है। डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को विभिन्न मदों में सहायता अनुदान के रूप में 5.43 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही शासकीय और जनोपयोगी भवनों में दिव्यांगजनों के लिए बाधारहित और सुगम वातावरण विकसित करने के लिए 6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
समावेशी विकास की दिशा में सरकार का संदेश
अनुपूरक बजट में किए गए ये प्रावधान स्पष्ट करते हैं कि योगी सरकार केवल योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी प्रतिबद्ध है। छात्रवृत्ति से लेकर स्वास्थ्य, विवाह सहायता और दिव्यांग सशक्तिकरण तक, यह बजट प्रदेश के समेकित और समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
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