मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से आईटी और डिजिटल हब के रूप में उभर रहा है। एसटीपीआई के तहत 400 आईटी कंपनियां पंजीकृत हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ कानपुर और वाराणसी भी डिजिटल केंद्र बन रहे हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश तेजी से देश के प्रमुख आईटी और डिजिटल हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लागू की गई नीतियों और सशक्त प्रशासनिक व्यवस्था का असर अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। प्रदेश में आईटी कंपनियों का लगातार विस्तार हो रहा है, जिससे रोजगार सृजन, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
STPI के तहत प्रदेश में लगभग 400 आईटी कंपनियां पंजीकृत
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 400 आईटी कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें स्टार्टअप्स, मध्यम स्तर के उद्यम और वैश्विक स्तर की बड़ी कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, आईटीईएस, क्लाउड सर्विसेज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सेवाओं पर कार्य कर रही हैं। आईटी विशेषज्ञ प्रदीप यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा देने वाला विजन आईटी कंपनियों को उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित कर रहा है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा बने प्रदेश के प्रमुख आईटी गंतव्य
नोएडा और ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े आईटी गंतव्य के रूप में स्थापित हो चुके हैं। यहां डेटा सेंटर, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और नई तकनीकों पर आधारित सेवाएं तेजी से विकसित हो रही हैं। इसके साथ ही कानपुर और वाराणसी जैसे शहर भी उभरते हुए डिजिटल केंद्र बन रहे हैं, जिससे प्रदेश के संतुलित और समावेशी विकास को मजबूती मिल रही है।
2026 तक STPI इकाइयों की संख्या 500 से अधिक होने की उम्मीद
IT विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान गति को देखते हुए वर्ष 2026 तक उत्तर प्रदेश में STPI के तहत पंजीकृत इकाइयों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है। ये इकाइयां न केवल आईटी निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दे रही हैं।
प्रदेश में माइक्रोसॉफ्ट से लेकर टीसीएस तक की मजबूत मौजूदगी
उत्तर प्रदेश में माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, इंफोसिस, पेटीएम और एडोब जैसी प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां बड़े स्तर पर संचालन कर रही हैं। इसके साथ ही प्रदेश में लगभग 90 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) स्थापित किए जा चुके हैं, जहां रिसर्च और उच्च स्तरीय तकनीकी सेवाओं पर काम हो रहा है।
युवाओं को मिल रहे वैश्विक स्तर पर काम के अवसर
इन बड़ी आईटी कंपनियों और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स की मौजूदगी से उत्तर प्रदेश के युवाओं को वैश्विक स्तर पर काम करने के अवसर मिल रहे हैं। सरकार की स्किल डेवलपमेंट योजनाओं के तहत युवाओं को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे उद्योग की जरूरतों के अनुरूप खुद को तैयार कर सकें।


