योगी सरकार की नंदिनी कृषक समृद्धि योजना से गोरखपुर की इंदु सिंह ने 25 साहीवाल गायों की डेयरी शुरू की। 50% सब्सिडी से लागत घटी, रोज 200 लीटर दूध उत्पादन हो रहा है और 100 रुपये लीटर की दर से बिक्री कर वे रोजगार भी दे रही हैं।

गोरखपुर। योगी सरकार की नंदिनी कृषक समृद्धि योजना गोसंवर्धन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषक और पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है। पिपराइच ब्लॉक के बहरामपुर गांव की इंदु सिंह ने इस योजना से जुड़कर सफलता की एक प्रेरक कहानी लिखी है। पहले से पशुपालन से जुड़ी इंदु आज आधुनिक डेयरी संचालन कर रही हैं।

50 प्रतिशत अनुदान से स्थापित हुई साहीवाल गायों की डेयरी

इंदु सिंह को योगी सरकार की नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान मिला। इस सहायता से उन्होंने साहीवाल नस्ल की 25 गायों की डेयरी यूनिट स्थापित की। आज उनकी डेयरी से प्रतिदिन करीब 200 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।

100 रुपये प्रति लीटर दूध, बढ़ी आमदनी

साहीवाल नस्ल की उन्नत गायों के दूध की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण यह 100 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। इंदु सिंह बताती हैं कि इससे उनकी आय में लगातार वृद्धि हो रही है और पशुपालन अब लाभकारी व्यवसाय बन गया है।

नंद बाबा मिशन का हिस्सा है नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, योगी सरकार के गोसंरक्षण और गोसंवर्धन प्रयासों के तहत चल रहे नंद बाबा मिशन का हिस्सा है। इस योजना में-

  • 25 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायें (गिर, साहीवाल, थारपारकर, गंगातीरी)
  • डेयरी यूनिट स्थापना पर
  • सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देती है

ई-लॉटरी से मिली योजना की पात्रता, लागत आधी हुई

इंदु सिंह वित्तीय वर्ष 2023-24 में ई-लॉटरी के माध्यम से इस योजना की लाभार्थी बनीं। उन्होंने 25 साहीवाल गोवंश क्रय कर डेयरी शुरू की। इस परियोजना पर कुल 62.55 लाख रुपये की लागत आई, जिसमें सरकार की ओर से 31.25 लाख रुपये की सब्सिडी स्वीकृत हुई। आधी राशि उन्हें मिल चुकी है, जबकि शेष राशि शीघ्र मिलने वाली है।

रोजगार सृजन के साथ गोसेवा का संतोष

इंदु सिंह कहती हैं कि इस डेयरी से अच्छी आय हो रही है. चार लोगों को रोजगार मिला है और गोसेवा का सुख उन्हें अतिरिक्त संतोष देता है। उनका मानना है कि यह योजना केवल आमदनी ही नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकार भी मजबूत कर रही है।

सेक्स सॉर्टेड सीमेन से होगा और अधिक लाभ

गोरखपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र पांडेय के अनुसार, नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत स्थापित डेयरियों में सेक्स सॉर्टेड सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है। इससे केवल बछिया का जन्म होगा, जिससे भविष्य में दूध उत्पादन और आय में और वृद्धि होगी।

दुग्ध प्रसंस्करण और गोउत्पाद निर्माण की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताते हुए इंदु सिंह बताती हैं कि वह जल्द ही दूध से पनीर, खोया और मक्खन बनाने का काम शुरू करेंगी। गोबर और गोमूत्र से उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण लेकर इस क्षेत्र में भी कार्य करेंगी। उनका लक्ष्य अपनी डेयरी को अन्य पशुपालकों के लिए एक मॉडल डेयरी के रूप में विकसित करना है।