डिजिटल ठगी पर लगाम के लिए योगी सरकार ने साइबर क्राइम ढांचा मजबूत किया है। 84,705 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण, 75 साइबर थाने, हर जिले में साइबर सेल, 1930 हेल्पलाइन और व्यापक जन-जागरूकता से साइबर सुरक्षा को नई मजबूती मिली है।

लखनऊ। डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन सेवाओं के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ साइबर ठगी और हाईटेक अपराधों की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। आम नागरिकों की सुरक्षा और डिजिटल सिस्टम पर भरोसा मजबूत करने के उद्देश्य से योगी सरकार लगातार प्रभावी और ठोस कदम उठा रही है।

इसी कड़ी में साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस बल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। साइबर क्राइम प्रशिक्षण पोर्टल के माध्यम से अब तक 84,705 पुलिस कर्मियों को प्रमाणित प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे साइबर अपराधों पर कार्रवाई और जांच की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

साइबर अपराध नियंत्रण के ढांचे को चरणबद्ध तरीके से किया गया मजबूत

विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने साइबर ठगी और हाईटेक अपराधों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी। जवाब में बताया गया कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में केवल दो साइबर क्राइम थाने (लखनऊ और गौतमबुद्धनगर) ही कार्यरत थे। साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए योगी सरकार ने चरणबद्ध तरीके से साइबर अपराध नियंत्रण प्रणाली को सुदृढ़ किया।

16 परिक्षेत्रीय और 57 जनपदीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना

सरकार द्वारा 06 फरवरी 2020 को 16 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों और 14 दिसंबर 2023 को 57 जनपदीय साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष साइबर क्राइम ढांचा विकसित किया गया।

हर जनपदीय थाने में साइबर सेल, प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की तैनाती

साइबर अपराधों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जनपदीय थाने में साइबर सेल का गठन किया गया है। इन साइबर सेल्स में प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि शिकायतों पर तुरंत तकनीकी जांच और कार्रवाई की जा सके। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में कुल 75 साइबर क्राइम थाने संचालित हो रहे हैं।

साइबर सुरक्षा के लिए बड़े स्तर पर जन-जागरूकता अभियान

सरकार ने साइबर अपराध से बचाव को लेकर आम जनता को जागरूक करने पर भी विशेष ध्यान दिया है। अब तक प्रदेश में 65,966 सार्वजनिक स्थानों पर साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से लोगों को ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल, लिंक और डिजिटल फ्रॉड से बचने के उपाय बताए गए हैं।

1930 साइबर हेल्पलाइन की क्षमता बढ़ी, 24×7 सेवा उपलब्ध

साइबर अपराध की त्वरित शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 को और मजबूत किया गया है। इसकी क्षमता को पहले 20 सीटों से बढ़ाकर अब 50 सीट कर दिया गया है। यह हेल्पलाइन 24×7 पूरी तरह क्रियाशील है, जिससे पीड़ितों को तत्काल सहायता मिल रही है।

प्रशिक्षित पुलिस, मजबूत ढांचा और जागरूकता से साइबर अपराध पर नियंत्रण

सरकार के अनुसार, प्रशिक्षित पुलिस बल, आधुनिक साइबर क्राइम ढांचा और व्यापक जन-जागरूकता अभियानों के संयुक्त प्रयासों से प्रदेश में साइबर ठगी और हाईटेक अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण की दिशा में लगातार प्रगति हो रही है।