योगी सरकार ने 2025-26 के अनुपूरक बजट में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सोलर रूफटॉप, वाहन सेवाएं, प्रशिक्षण और डिजिटल डाटाबेस हेतु अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया है। इससे सहकारिता को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

लखनऊ। योगी सरकार हरित ऊर्जा के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रही है। वर्ष 2025-26 के अनुपूरक बजट में सहकारिता को सशक्त बनाने पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार का उद्देश्य सहकारी संस्थाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और तकनीक आधारित बनाना है, ताकि वे ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बन सकें।

सोलर रूफटॉप के लिए 20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान

अनुपूरक बजट में सरकारी, अर्द्ध-सरकारी और बी-पैक्स (B-PACS) भवनों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करने के लिए 20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रस्तावित की गई है। इस पहल से सहकारी संस्थाओं की बिजली लागत में कमी आएगी और प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

वाहन सेवाओं से विभागीय कार्यों को मिलेगी गति

सहकारिता विभाग के अंतर्गत वाहन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 2.19 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे विभागीय कार्यों की गति तेज होगी और निगरानी व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सहकारी सेवा मंडल, लखनऊ को विभिन्न मानक मदों के लिए 46 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।

प्रशिक्षण और शोध गतिविधियों को मिलेगा नया बल

सहकारी कर्मियों के प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और शोध गतिविधियों को मजबूत करने के लिए सहकारी शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान को 1.50 करोड़ रुपये का अनुदान प्रस्तावित किया गया है। इससे सहकारिता से जुड़े कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी और संस्थानों के कार्य संचालन में सुधार आएगा।

सहकारी समितियों का बनेगा समग्र डिजिटल डाटाबेस

सहकारिता के माध्यम से विकास मॉडल को और प्रभावी बनाने के लिए सहकारी समितियों का समग्र डाटाबेस तैयार करने हेतु 1 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया गया है। इससे योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ेगी, निगरानी आसान होगी और सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर पात्र लोगों तक पहुंच सकेगा।

सहकारिता को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

योगी सरकार के इन बजटीय प्रावधानों से सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन, प्रशासनिक दक्षता, वित्तीय आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी। यह कदम प्रदेश में सहकारिता को आधुनिक, पारदर्शी और विकासोन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।