सार

गाजियाबाद की एक सोसाइटी में चल रहे सेक्स रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। फ्लैट पर छापा मारा गया तो यहां सेक्स रैकेट की सरगना और एक ग्राहक के अलावा चार युवतियां मौजूद थीं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक रिहायशी सोसायटी के फ्लैट में चल रहे सेक्स रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने छापेमारी के दौरान इस सेक्स रैकेट की सरगना और एक ग्राहक को गिरफ्तार किया। सेक्स वर्क में धकेली गई चार युवतियों का रेस्क्यू भी किया गया है। पुलिस को वैशाली स्थित एक हाई राइज सोसाइटी में चले रहे सेक्स रैकेट के बारे में गुप्त जानकारी मिली थी। जब फ्लैट पर छापा मारा गया तो यहां सेक्स रैकेट की सरगना और एक ग्राहक के अलावा चार युवतियां मौजूद थीं। 

स्टेटस देखकर होती थी डिल

पुलिस के मुताबिक, मौके से कई वस्तुओं को भी बरामद किया गया है। पुलिस को शक है कि ये रैकेट लंबे समय से यहां चल रहा था और इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इस रैकेट की सरगना अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर युवतियों की तस्वीरें पोस्ट करती थी। जब कोई व्यक्ति स्टेटस देखकर संपर्क करता था तो उससे डील कर ली जाती थी। डील हो जाने के बाद ग्राहक को फ्लैट का पता दे दिया जाता था। यहां चुनिंदा ग्राहकों को ही भेजा जाता था। इस सेक्स रैकेट को संचालित कर रही महिला सरगना सोसाइटी के ही एक अन्य फ्लैट में रहती थी। पुलिस जांच में सामने आया कि फ्लैट पर आधा घंटा बिताने के लिए ग्राहक से दो हजार रुपये वसूल किए जाते थे। हालांकि, पुलिस का दावा है कि जिन युवतियों से सेक्स वर्क करवाया जा रहा था उन्हें बहुत कम पैसे दिए जा रहे थे। 

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मामले की जांच कर रही पुलिस

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि महिला सोसाइटी के भीतर ग्राहकों की एंट्री कैसे कराती थी। अभी तक की जांच में ये पता चला है कि यहां आठ महीने से ये रैकेट चल रहा था। जिन युवतियों से सेक्स वर्क करवाया जा रहा था उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया है। मानव तस्करी रोकथाम कानून के तहत सेक्स वर्क में धकेली गई महिलाओं को पीड़ित माना जाता है। ऐसी महिलाओं की कानूनी मदद के प्रावधान भी हैं। इनका रेस्क्यू सरकार की जिम्मेदारी होती है।