सार

वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पास! UP की 98% वक्फ संपत्तियां खतरे में, 57,792 सरकारी संपत्तियां अब वक्फ बोर्ड के नियंत्रण से बाहर। जिलाधिकारी करेंगे अंतिम फैसला। जानिए 75 जिलों में कहां कितनी है वक्फ बोर्ड की संपत्तियां और इससे जुड़ी पूरी जानकारी!

Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश की 98% वक्फ संपत्तियों पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब तक जो संपत्तियां वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में थीं, उनके मामलों में अब जिलाधिकारी (DM) अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। इसके अलावा, यूपी में मौजूद 57,792 सरकारी संपत्तियों को भी अब वक्फ के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया जाएगा।

क्या है वक्फ संपत्तियों का पूरा मामला? 

आजादी के बाद से ही यूपी में वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद बना हुआ है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक भूमि को भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने के कई मामले सामने आए हैं। रामपुर, हरदोई और कई अन्य जिलों में सरकारी और निजी संपत्तियों को वक्फ बोर्डों ने गलत ढंग से अपने नाम दर्ज करा लिया था।

संशोधित कानून लागू होने के बाद, अब इन विवादित संपत्तियों की सुनवाई जिलाधिकारी करेंगे, और इसका निपटारा 1359 फसली (1952) के राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर किया जाएगा।

57,792 सरकारी संपत्तियां अब वक्फ के अधिकार क्षेत्र से बाहर! 

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में 57,792 सरकारी संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, जिनका कुल रकबा 11,712 एकड़ है। अब ये संपत्तियां सीधे स्थानीय प्रशासन के अधीन आ जाएंगी, और जिलाधिकारी इन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

शत्रु संपत्तियों पर भी होगा पुनर्विचार

कई जिलों में शत्रु संपत्तियों (Enemy Properties) को भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने के मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास कुल 1,32,140 संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 2,528 संपत्तियां ही राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ के रूप में मान्य हैं।

कौन-कौन से जिलों में वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं? 

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में वक्फ संपत्तियों की संख्या काफी अधिक है। प्रमुख जिलों में:

  1. आगरा – 1,293 संपत्तियां
  2. फिरोजाबाद - 275 संपत्तियां
  3. मैनपुरी - 224 संपत्तियां
  4. मथुरा - 507 संपत्तियां
  5. अलीगढ़ - 1216 संपत्तियां
  6. एटा - 446 संपत्तियां
  7. हाथरस - 419 संपत्तियां
  8. कासगंज - 376 संपत्तियां
  9. अंबेडकरनगर - 997 संपत्तियां
  10. अमेठी - 477 संपत्तियां
  11. अयोध्या - 2116 संपत्तियां
  12. बाराबंकी - 812 संपत्तियां
  13. सुल्तानपुर - 506 संपत्तियां
  14. आजमगढ़ - 1575 संपत्तियां
  15. बलिया - 619 संपत्तियां
  16. मऊ - 529 संपत्तियां
  17. बरेली - 2000 संपत्तियां
  18. बदायूं - 1127 संपत्तियां
  19. पीलीभीत - 623 संपत्तियां
  20. शाहजहांपुर - 2371 संपत्तियां
  21. बस्ती - 160 संपत्तियां
  22. संतकबीरनगर - 212 संपत्तियां
  23. सिद्धार्थनगर - 793 संपत्तियां
  24. बांदा - 831 संपत्तियां
  25. चित्रकूट - 81 संपत्तियां
  26. हमीरपुर -  486 संपत्तियां 
  27. महोबा - 58 संपत्तियां
  28. बहराइच - 904 संपत्तियां
  29. बलरामपुर - 35 संपत्तियां
  30. गोंडा - 944 संपत्तियां
  31. श्रावस्ती - 271 संपत्तियां
  32. देवरिया - 1027 संपत्तियां
  33. गोरखपुर - 498 संपत्तियां
  34. कुशीनगर - 443 संपत्तियां
  35. महराजगंज  - 371 संपत्तियां
  36. जालौन - 581 संपत्तियां
  37. झांसी - 272 संपत्तियां
  38. ललितपुर - 20 संपत्तियां
  39. औरेया - 421 संपत्तियां
  40. इटावा - 222 संपत्तियां
  41. फर्रूखाबाद - 542 संपत्तियां
  42. कन्नौज - 355 संपत्तियां
  43. कानपुर देहात - 437 संपत्तियां
  44. कानपुर नगर - 548 संपत्तियां
  45. हरदोई - 824 संपत्तियां
  46. खीरी - 1792 संपत्तियां
  47. लखनऊ - 368 संपत्तियां
  48. रायबरेली - 919 संपत्तियां
  49. सीतापुर - 1581 संपत्तियां
  50. उन्नाव - 589 संपत्तियां
  51. बागपत - 915 संपत्तियां
  52. बुलंदशहर - 1778 संपत्तियां
  53. गौतमबुद्धनगर - 46 संपत्तियां
  54. गाजियाबाद - 445 संपत्तियां
  55. हापुड़  - 800 संपत्तियां
  56. मेरठ - 1154 संपत्तियां
  57. भदोही - 138 संपत्तियां
  58. मिर्जापुर  -598 संपत्तियां
  59. सोनभद्र - 160 संपत्तियां
  60. अमरोहा - 1045 संपत्तियां
  61. बिजनौर - 1005 संपत्तियां
  62. मुरादाबाद - 1471 संपत्तियां
  63. रामपुर - 2363 संपत्तियां
  64. संभल - 1150 संपत्तियां
  65. फतेहपुर - 1610 संपत्तियां
  66. कौशाम्बी - 398 संपत्तियां
  67. प्रतापगढ़ - 1331 संपत्तियां
  68. प्रयागराज - 264 संपत्तियां
  69. मुजफ्फरनगर - 92 संपत्तियां
  70. सहारनपुर - 1497 संपत्तियां
  71. शामली - 411 संपत्तियां
  72. चंदौली - 275 संपत्तियां
  73. गाजीपुर - 1251 संपत्तियां
  74. जौनपुर - 2096 संपत्तियां
  75. वाराणसी - 406 संपत्तियां

क्या होगा अब? 

संशोधित कानून लागू होने के बाद, वक्फ बोर्ड को इन संपत्तियों पर अब कोई दावा करने का अधिकार नहीं रहेगा। जिलाधिकारी इन सभी मामलों की समीक्षा करेंगे और सरकारी व निजी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराएंगे।