Shahrukh Pathan killed in police encounter: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सोमवार सुबह एक बड़ी और सनसनीखेज मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मुख्तार अंसारी और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के करीबी शूटर शाहरुख पठान को मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शाहरुख पर हत्या, रंगदारी और गैंग एक्ट सहित दर्जनों केस दर्ज थे और वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
STF को मिली थी गुप्त सूचना, एनकाउंटर में 10 राउंड से ज्यादा फायरिंग
STF के एएसपी बृजेश कुमार के अनुसार, छपार थाना क्षेत्र में बिजोपुरा तिराहे के पास गाड़ी से आ रहे शाहरुख पठान को रोकने पर उसने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में STF की गोलियों से उसकी मौत हो गई। मौके से तीन पिस्टल, 60 से ज्यादा कारतूस और एक कार बरामद की गई।
2015 में पुलिस कस्टडी में की थी हत्या, फिर बना जीवा गैंग का खास
शूटर शाहरुख का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा और खतरनाक रहा है। वर्ष 2015 में उसने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में रहते हुए ही एक व्यक्ति आसिफ जायदा की हत्या कर दी थी। जेल में रहते हुए वह कुख्यात माफिया संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी से जुड़ गया और उनके इशारे पर हत्याएं करने लगा।
गोल्डी हत्याकांड और गवाहों की हत्या में भी था शामिल
2019 में फरार रहने के दौरान उसने हरिद्वार के कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या की थी। इसके अलावा, उसने आसिफ जायदा मर्डर केस के गवाह और उसके पिता की हत्या भी कर दी थी। इस पर 40,000 रुपये का इनाम भी घोषित था।
कोर्ट से मिली थी जमानत, फिर से बना गैंग एक्टिव
कुछ समय पूर्व जमानत पर रिहा होने के बाद वह दोबारा गैंग एक्टिविटी में लिप्त हो गया। संभल में उसने गवाहों को धमकाया और हत्या का प्रयास किया, जिसकी FIR भी दर्ज थी। STF उसकी लोकेशन को लगातार ट्रैक कर रही थी।
मुठभेड़ के बाद STF की कार्रवाई जारी
पुलिस अब शाहरुख के नेटवर्क और उसके सहयोगियों की तलाश में है। एसटीएफ की इस कार्रवाई को उत्तर प्रदेश में माफिया नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।