Post-Mortem New Rule: उत्तर प्रदेश में अब पीड़ित परिवारों को पोस्टमार्टम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। नई व्यवस्था के तहत, प्रक्रिया अधिकतम 4 घंटे में पूरी की जाएगी। ज़्यादा पोस्टमार्टम वाले जिलों में कई डॉक्टरों की टीम बनाई जाएगी।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में अब पीड़ित परिवारों को पोस्टमार्टम के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया अधिकतम 4 घंटे में पूरी हो जाएगी। यह बात शुक्रवार को प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कही। स्वास्थ्य मंत्री की इस घोषणा के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने पोस्टमार्टम के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। इस तरह अब प्रदेश के पोस्टमार्टम हाउस में नई व्यवस्था लागू हो गई है।
नई व्यवस्था में जिन जिलों में ज्यादा संख्या में पोस्टमार्टम हो रहे हैं, वहां के सीएमओ को दो या उससे अधिक डॉक्टरों की टीम बनाकर यह काम पूरा कराने की जिम्मेदारी दी गई है। ताकि पीड़ित परिवार के सदस्यों को शव के लिए ज्यादा इंतजार न करना पड़े। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद नियमानुसार पोस्टमार्टम कराया जाए। साथ ही संबंधित कागजात भी जल्द से जल्द शव के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाए जाएं।
इन मामलों में रात में पोस्टमार्टम न किया जाए
अगर रात में पोस्टमार्टम किया जाए तो 1000 वॉट की लाइट की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही अन्य जरूरी संसाधन भी होने चाहिए। ताकि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया 24 घंटे चलती रहे। हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामलों में रात में पोस्टमार्टम नहीं किया जाए। हालांकि, बहुत जरूरी मामलों में डीएम और अधिकृत अधिकारी की अनुमति से रात में पोस्टमार्टम किया जा सकता है।
वीडियोग्राफी का खर्च परिवार से न लिया जाए
बयान में कहा गया है कि पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी का खर्च परिवार से न लिया जाए। कानून व्यवस्था, पुलिस मुठभेड़, पुलिस हिरासत में मौत, शादी के पहले 10 साल में महिला की मौत से जुड़े मामलों में रात में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए। महिलाओं के खिलाफ अपराध, दुष्कर्म, शादी के पहले 10 साल में महिला की मौत के मामलों में पोस्टमार्टम पैनल में महिला डॉक्टर का होना जरूरी है।