Prashant Kumar farewell message: पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने सेवानिवृत्ति पर भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने पुलिस सेवा को अपना आह्वान बताया और जनता के भरोसे को सबसे बड़ा सम्मान माना। वर्दी भले ही जाए, कर्तव्य हमेशा रहेगा, उनका कहना है।

UP Police DGP retirement: उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक पुलिस (DGP) प्रशांत कुमार ने अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक भावुक और प्रेरणादायक संदेश सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल के अनुभवों को याद करते हुए कहा कि पुलिस वर्दी भले ही अस्थायी है, लेकिन ड्यूटी और सेवा का भाव हमेशा बना रहता है। यह पोस्ट पुलिस विभाग के हर जवान और अधिकारी के लिए गर्व और समर्पण का प्रतीक बन गया है।

वर्दी में पहला दिन से लेकर आखिरी दिन तक

सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रशांत कुमार ने लिखा, "कल जब मैं सेवानिवृत्त हुआ तो मेरे मन में कृतज्ञता, गर्व और अपनत्व की भावना उमड़ी। यह केवल फेयरवेल नहीं, बल्कि सेवा की इस अनूठी यात्रा को याद करने और आपके साथ चलने के लिए धन्यवाद कहने का मौका है।"

उन्होंने बताया कि पुलिसिंग उनके लिए सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक आह्वान रहा है। मूसलाधार बारिश में ट्रैफिक संभालने वाले कॉन्सटेबल से लेकर रात-रात जागकर मामलों को सुलझाने वाले अधिकारियों तक, हर एक पुलिसकर्मी इस विभाग की असली ताकत है।

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प्रशांत कुमार ने अपने संदेश में कहा, "मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की उस तस्वीर का एक छोटा हिस्सा था, जिसने मिलकर पुलिसिंग को आधुनिक बनाया, साइबर अपराधों से लड़ा और हर संकट का सामना किया। लेकिन सबसे बड़ी जीत यह रही कि हमने जनता के दिल में पुलिस के प्रति भरोसा कायम किया। यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।"

विदाई पर गर्व, वर्दी तो जाएगी, कर्तव्य नहीं

अपने अंतिम संदेश में पूर्व डीजीपी ने लिखा, “मैं इस पद को बिना किसी पछतावे के छोड़ रहा हूँ। मेरी वर्दी भले ही अब नहीं होगी, लेकिन पुलिस की भावना हमेशा मेरे दिल में रहेगी। आगे के जीवन में मेरी दुआएं, सम्मान और समर्थन आप सभी के साथ रहेंगे। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि ‘वर्दी अस्थायी है, लेकिन कर्तव्य सदैव रहता है।’ आप साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करते रहें।”

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