Mainpuri Suicide Case: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के सकत गांव में एक ऐसा परिवार है, जहां 17 साल में 10 लोगों ने आत्महत्या कर ली। ताजा मामला शुक्रवार का है, जब परिवार के 18 वर्षीय युवक जितेंद्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। यह चौथी आत्महत्या है जो पिछले पांच महीनों में हुई है।

जामुन लाने निकला था, लौटा मौत के साथ 

शुक्रवार को जितेंद्र सुबह 10 बजे घर से जामुन लाने की बात कहकर निकला था। साथ में बहन का दुपट्टा लेकर गया था ताकि तेज धूप से बच सके। दोपहर 2 बजे उसका शव गांव से एक किलोमीटर दूर एक खेत में पेड़ से लटका मिला। यह वही दुपट्टा था जिसे वह घर से लेकर गया था। सूचना मिलते ही उसके माता-पिता मौके पर पहुंचे। बेटे का शव देखकर मां बेसुध हो गई और पिता फूट-फूटकर रोने लगे। गांव के लोग भी स्तब्ध रह गए।

17 साल में 10 आत्महत्याएं, हर मौत के पीछे अनसुलझा रहस्य

  • 21 दिन पहले जितेंद्र के चाचा बलवंत ने फांसी लगाई
  • 4 महीने पहले जितेंद्र की बहन सौम्या ने आत्महत्या की
  • 5 महीने में यह चौथी आत्महत्या
  • वर्ष 2020 में चाचा मनीष ने फांसी लगाई
  • 2017 में चाचा पिंटू ने खुद को आग लगाई
  • 2015 में संजू ने जहर खाया
  • 2008 से 2015 के बीच सूरजपाल, महिपाल और रामसिंह ने भी आत्महत्या की

गांव वालों का कहना है कि यह परिवार किसी अनहोनी का शिकार है, क्योंकि एक-एक करके सभी सदस्य आत्महत्या कर रहे हैं। इसकी असली वजह क्या हैं? यह रहस्य अभी भी बरकरार है।

मानसिक बीमारी या साझा भ्रम विकार? 

मनोचिकित्सक डॉ. उद्भव तिवारी के अनुसार, इस तरह के मामलों में सामूहिक भ्रम विकार (Shared Delusional Disorder), डिप्रेशन या सिजोफ्रेनिया की संभावना रहती है। पीड़ित व्यक्ति कल्पना और सच्चाई में फर्क नहीं कर पाता, और एक ही मन:स्थिति पूरे परिवार में फैल सकती है।

पुलिस जांच में जुटी, फोरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत 

मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने सबूत जुटाए। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन इतनी मौतों का एक ही परिवार से होना एक गंभीर मानसिक और सामाजिक जांच का विषय है।