Yogi Adityanath farmer welfare program : उत्तर प्रदेश में किसानों के परिवारों को अब दुर्घटना की स्थिति में 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 11,690 किसान परिवारों को लाभ मिलेगा।
UP farmer accident assistance scheme : उत्तर प्रदेश की सियासत और समाज में किसान हमेशा से केंद्र में रहे हैं। लेकिन अब केवल नारों में नहीं, जमीनी स्तर पर भी उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों के परिवारों के लिए एक ऐसा कदम उठाया है जो उन्हें संकट की घड़ी में बड़ा सहारा देगा।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मिलेगा मुआवजा
प्रदेश सरकार 16 जून को ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ के अंतर्गत 11,690 किसानों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। यह राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। योजना का कुल बजट 562 करोड़ रुपये रखा गया है।
अंबेडकरनगर से होगी योजना की शुरुआत,क्या है यह योजना और किसे मिलेगा लाभ?
सीएम योगी इस महाअभियान की शुरुआत अंबेडकरनगर जनपद से करेंगे। इस दौरे के दौरान न सिर्फ राहत राशि वितरित की जाएगी, बल्कि जिले में 1184 करोड़ रुपये की 194 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया जाएगा। इससे अंबेडकरनगर के बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा।
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‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ उन किसानों के लिए है जिनकी खेत में या अन्य कार्य के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है या वे दिव्यांग हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उनके परिवार को 5 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है। योजना का लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा देना है।
योगी आदित्यनाथ का ट्वीट: “किसानों के परिवार अब अकेले नहीं”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को लेकर ट्वीट किया: “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत, जनपद अंबेडकरनगर में हजारों परिवारों को संबल प्रदान करते हुए सहायता राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह सरकार की प्रतिबद्धता है कि किसान और उनका परिवार हर संकट में अकेला नहीं रहेगा।”
किसानों के लिए राहत और विकास – एक साथ
यह योजना सिर्फ राहत देने की पहल नहीं है, बल्कि किसानों के जीवन को सम्मान और स्थायित्व देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसान हितों को सिर्फ भाषणों तक नहीं, बल्कि नीतियों और कार्यों में प्राथमिकता दे रही है।
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