सार

महाकुंभ की धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने फिर विवादित बयान दिया। 2035 तक मुस्लिम प्रधानमंत्री की आशंका जताते हुए उन्होंने हिंदू अस्तित्व बचाने के लिए हथियार उठाने की बात कही और हर हिंदू दंपत्ति को 4-5 बच्चे पैदा करने का आग्रह किया।

महाकुंभ नगर। महाकुंभ के सेक्टर-19 में श्रीजी बाबा नगर में आयोजित धर्म संसद में डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने वृहस्पतिवार को बड़ा और विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान हालात नहीं बदले, तो 2035 तक भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम होगा। उनका दावा है कि मुस्लिम समाज जिस तरह से नई पीढ़ी को तैयार कर रहा है, वह भविष्य में वोटों में तब्दील होगी और हिंदुओं का पतन निश्चित है।

हथियार उठाने की आवश्यकता भी जताई

हिंदुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने का आग्रह यति नरसिंहानंद ने हिंदू दंपत्तियों से 4-5 बच्चे पैदा करने का आग्रह करते हुए कहा, "अगर आप ऐसा नहीं कर सकते, तो एक बेटा पैदा करने से बेहतर है कि कोई संतान न हो।" उन्होंने हिंदुओं के अस्तित्व को बचाने के लिए हथियार उठाने की आवश्यकता भी जताई।

''एक भी सांसद ऐसा नहीं है, जो हिंदुओं के लिए आवाज उठाता''

संसद में हिंदू प्रतिनिधित्व पर सवाल उन्होंने संसद में हिंदुओं के प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक भी सांसद ऐसा नहीं है, जो हिंदुओं के लिए आवाज उठाता हो। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि वह अकेले ऐसे नेता हैं, जो अंत तक हिंदुओं के साथ खड़े रहेंगे।

एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर विवादित टिप्पणी

 महंत ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि वह सबसे बड़े जिहादी थे। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसा कहने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है।

धर्म संसद के मंच से यति नरसिंहानंद ने की यह अपील

हिंदू राष्ट्र की मांग यति नरसिंहानंद ने धर्म संसद के मंच से हिंदू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते हिंदू राष्ट्र नहीं बना, तो हिंदू समाज को बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा।

कौन हैं यति नरसिंहानंद?

 गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का राजनीतिक और सामाजिक जीवन काफी सक्रिय रहा है। वह 'हिंदू स्वाभिमान' नामक संगठन चलाते हैं और हिंदू युवाओं के लिए 'धर्म सेना' का संचालन करते हैं। पूर्व में वह समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे और अपने विवादित बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं। इस धर्म संसद में उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से हिंदू समाज को एकजुट होने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया।

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