सार
Sucess Story: गुड़िया देवी ने आर्थिक तंगी से जूझते हुए कैंटीन शुरू की। मरीजों को पौष्टिक भोजन देकर वे खुद भी आत्मनिर्भर बनीं और दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं।
Sucess Story: किसी भी महिला के लिए घर का खर्चा चलाना, बच्चों की पढ़ाई और गृहस्थी संभालना किसी चुनौती से कम नहीं होता। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सिराथू ब्लॉक के रघुनाथपुर गांव की रहने वाली गुड़िया देवी ने यह साबित कर दिखाया कि अगर कोई भी काम को पूरी लगन और मेहनत से किया जाए तो कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है।
महिलाओं को रोजगार दे रही हैं गुड़िया देवी
गुड़िया देवी दो साल पहले आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। गरीब परिवार होने के बावजूद उन्होंने अपनी हालत सुधारने के लिए खुद से कुछ करने का ठाना। आज वह सिराथू सीएचसी में कैंटीन चला रही हैं जहां मरीजों को मात्र 45 रुपए में पौष्टिक भोजन मिल रहा है। उनकी यह पहल न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार रही है बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही है।
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हर महीने कमाती हैं 9 से 12 हजार
अब गुड़िया देवी मरीजों को साफ-सुथरा और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करा रही हैं, जिससे उन्हें हर महीने लगभग 9 से 12 हजार रुपए की कमाई हो रही है। इस आय से वे अपने दो बेटों की पढ़ाई और घर का खर्च अच्छे से चला रही हैं।
गुड़िया देवी का मानना है कि अगर महिलाएं ठान लें तो किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं। वह अपनी सफलता से कई अन्य महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पहले उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन जब उनके गांव में आईसीआरपी टीम आई और समूह बनाने की बात हुई तो उन्होंने तुरंत इसे जॉइन कर लिया।