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मौत का कुंआ: गेम खेलते-खेलते मौत की गोद में समा गए तीन युवक, मासूमों का सवाल, जो आपको रुला देगा
Shikohabad Well Tragedy: मोबाइल गिरने से शुरू हुआ हादसा, कुएं में उतरे चाचा-भतीजे तीनों की दर्दनाक मौत। मासूम बच्चे खेत में पूछते रहे– "अंकल, पापा बाहर कब आएंगे?" गांव में चीख-पुकार मच गई, वायरल वीडियो ने तोड़ दिया हर किसी का दिल।
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कुंए में मोबाइल गिरने से शुरू हुई मौत की कहानी
शिकोहाबाद के नगला पोहपी गांव में अजय कुमार का मोबाइल कुएं में गिरा। उसे निकालने के लिए उसका भाई ध्रुव सबसे पहले रस्सी से कुएं में उतरा। कुछ ही पलों में सब कुछ बदल गया और गांव मातम में डूब गया।
भाई के पीछे-पीछे गई जान
ध्रुव के ना लौटने पर अजय खुद कुएं में उतरा लेकिन वो भी बेहोश हो गया। कुछ ही देर में चाचा चंद्रवीर ने हिम्मत की और तीसरे नंबर पर कुएं में उतरे… पर वहां मीथेन गैस पहले से मौत बनकर मौजूद थी।
अंकल... पापा कब बाहर आएंगे?
चंद्रवीर के मासूम बच्चे आरव (7) और आरवी (2) खेतों पर पहुंच गए। वे पुलिसवालों और अफसरों से बार-बार बस यही पूछते रहे– “अंकल, हमारे पापा कुएं से कब बाहर आएंगे?” हर आंख भर आई।
प्रशासन की देरी, गांव का गुस्सा
रेस्क्यू में घंटों की देरी से गांव वालों में गुस्सा फूट पड़ा। लोग चिल्लाने लगे– “हट जाओ सब, हम खुद निकाल लेंगे।” महिलाओं की चीखों और मातम ने माहौल भारी कर दिया।
जब बाहर आई लाशें, चीख पड़ा गांव
करीब 4 घंटे के रेस्क्यू के बाद जब तीनों शव निकाले गए, तो गांव में कोहराम मच गया। चंद्रवीर का शव देख बच्चे चीख पड़े। एंबुलेंस तक उनका शव ले जाते देखना किसी भी इंसान के लिए असहनीय था।
कुएं में मीथेन गैस बनी मौत की वजह
गहरे कुएं में ऑक्सीजन की कमी और मीथेन गैस की अधिकता ने तीनों की जान ले ली। डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचने पर तीनों को मृत घोषित कर दिया।
गेम खेल रहे थे...” बोले अफसर
एडीएम विशु राजा ने बताया कि युवक मोबाइल पर गेम खेल रहे थे और उसी दौरान हादसा हुआ। प्रशासन ने परिवार को 4 लाख रुपये की मुआवजा सहायता देने की घोषणा की है।
मौत के कुंए में दफन हो गए मासूम सवाल
"पापा कब आएंगे?" जैसे मासूम सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। तीनों की एक छोटी गलती ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया। गांव आज भी उस दिन की चीखों से कांप रहा है।