सार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकुंभ 2025 में संगम स्नान करने पहुंची हैं, जहां राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। वे क्रूज से संगम घाट पहुंचीं हैं। स्नान के बाद वो अक्षयवट और हनुमान जी के दर्शन करेंगी।

प्रयागराज। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। महाकुंभ में स्नान करने वाली वह देश की दूसरी राष्ट्रपति बनीं, इससे पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संगम स्नान किया था।

ऐसे हुआ राष्ट्रपति का स्वागत 

राष्ट्रपति मुर्मू सुबह विशेष विमान से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से महाकुंभ क्षेत्र स्थित डीपीएस स्कूल हेलीपैड लाया गया। वहां से कार द्वारा अरैल घाट पहुंचीं, जहां से वह क्रूज से संगम तट पर गईं और पवित्र संगम में स्नान किया। स्नान के बाद उन्होंने पूजन अर्चन भी किया। 

अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर का किया दर्शन 

विधिवत किया पूजन अर्चन त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सपरिवार विधिवत पू्जा अर्चना की। संगम में उतरने से पहले राष्ट्रपति ने सबसे पहले पूर्ण आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर पवित्र जल में फूल माला और नारियल अर्पित कर समस्त राष्ट्र की समृद्धि और शांति की मनोकामना की। इसके बाद उन्होंने भगवान सूर्य की अराधना की और अर्घ्य देकर प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ संगम में एक के बाद एक कई डुबकियां लगाईं। स्नान के बाद उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजन अर्चन भी किया। राष्ट्रपति ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी का दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। इसके बाद उन्होंने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी। वहां मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उन्हें कलावा बांधकर अभिनंदन किया।

 

राष्ट्रपति मुर्मू का प्रयागराज दौरा ऐतिहासिक 

राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा ऐतिहासिक माना जा रहा है। संगम स्नान और पूजन के बाद वह महाकुंभ क्षेत्र में करीब आठ घंटे तक रहीं। शाम को वे प्रयागराज से दिल्ली के लिए रवाना होंगी। प्रशासन ने उनकी यात्रा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।