सार

महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, खासकर विदेशियों के आने से प्रयागराज में रोजगार के अवसर बढ़े। कर्मकांड कराने वालों और पुरोहितों को मिला खूब काम, योगी सरकार ने भी की व्यवस्था।

लखनऊ। महाकुम्भ में आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। योगी सरकार के सुव्यवस्थित प्रबंधों और धर्म-कर्म को बढ़ावा देने की नीति के चलते इस बार के महाकुम्भ में न केवल देश बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। कनाडा, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस जैसे देशों में बसे अप्रवासी भारतीय अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए प्रयागराज आए। तीर्थराज प्रयाग में बड़ी संख्या में लोग अपनी सात-आठ पीढ़ियों तक के पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए कर्मकाण्ड करते दिखे। जिससे यहां के प्रयागवाल, ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा सिर्फ महाकुम्भ के दौरान सालभर से ज्यादा का काम कर गए। अप्रवासियों की संख्या अचानक बढ़ने के कारण प्रयागराज के घाटों पर प्रयागवाल, ब्राह्मण, पुरोहित और पंडों के पास श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। कर्मकाण्ड कराने वालों के लिए यह महाकुम्भ रोजगार का एक बड़ा अवसर बनकर आया।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ योगी सरकार ने पुरोहितों और पंडों के लिए भी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराईं। जिससे प्रयागराज के प्रयागवाल, ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा में जबरदस्त उत्साह रहा।

विदेशों से उमड़े श्रद्धालु

प्रयागराज में संगम घाट के तीर्थ पुरोहित पंडित महेंद्र नाथ शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ में देश विदेश से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आने वाले अप्रवासियों की संख्या अचानक बढ़ने से यहां लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिला है। कनाडा, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस में रहने वाले अप्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंचे। वे अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए कर्मकाण्ड कराने और मां गंगा में पवित्र डुबकी लगाने आए। इनमें से कई लोग अपने पूर्वजों की अस्थियां भी लेकर आए। जिन्हें विधि-विधान से प्रवाहित किया गया। इस लिहाज से हम लोगों ने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुनीम और तमाम अन्य तरह के कर्मचारी भी रखे। जिन्हें पूरे मेले के दौरान भरपूर रोजगार मिला।

योगी सरकार की पहल से पंडा-पुरोहितों के पास लंबी कतारें

संगम तट पर ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा के पास श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। बड़ी संख्या में लोग पिंडदान, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते दिखे। अप्रवासियों की संख्या बढ़ने से कर्मकाण्ड कराने वालों को भी रोजगार के खूब अवसर मिले। प्रयागराज के प्रयागवाल सुब्रह्मण्यम शास्त्री उर्फ चारी जी के अनुसार मेले में योगी सरकार के रात दिन चल रहे नवनिर्माण को देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासियों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।

संगम तट पर धार्मिक कार्यों का कुशल प्रबंधन

महाकुम्भ में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना समेत देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे।

महाकुम्भ के दौरान संगम तट पर धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सुनियोजित टीम वर्क देखने को मिला। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुरोहितों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर्मकाण्ड कराए। ब्राह्मण पंकज पांडे ने बताया कि इस दौरान पुरोहितों को भी श्रद्धालुओं से दान और दक्षिणा प्राप्त हुई। जिससे बड़ी संख्या में लोगों की आय में वृद्धि हुई।