सार

Prayagraj Mahakumbh 2025 में मौनी अमावस्या पर संगम नोज़ पर भगदड़ मच गई। बंद पांटून पुल, एक ही एंट्री-एग्जिट और प्रशासन के फैसलों ने स्थिति बिगाड़ी। कई लोग हताहत हुए और प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए।

प्रयागराज के महाकुंभ में संगम नोज पर हुई भगदड़ ने प्रशासन और श्रद्धालुओं को चौंका दिया। मौनी अमावस्या के मौके पर जब करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे, तो अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग घायल हो गए और कुछ की जान भी चली गई। इस हादसे के पीछे 3 मुख्य वजहें सामने आई हैं, जिन्होंने स्थिति को और भी जटिल बना दिया।

जानिए क्या हैं वो वजहें, और प्रशासन ने इस स्थिति को संभालने के लिए क्या कदम उठाए।

1. पांटून पुलों का बंद होना और बढ़ती भीड़

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान, पुलिस प्रशासन ने संगम तट तक पहुंचने वाले 30 पांटून पुलों में से 28 को बंद कर दिया था। यह कदम सुरक्षा के लिहाज से लिया गया था, लेकिन इसका परिणाम बिल्कुल उल्टा हुआ। बंद पुलों की वजह से करोड़ों श्रद्धालु एक ही रास्ते से संगम तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जिससे बैरिकेड्स के पास भारी भीड़ जमा हो गई। कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स में फंसकर गिर पड़े और उनकी कुचले जाने की घटना ने भगदड़ की अफवाह को जन्म दिया।

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2. एंट्री और एग्जिट का रास्ता एक जैसा होना

संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। ऐसे में, जब भगदड़ मची, तो श्रद्धालुओं को पीछे भागने का कोई रास्ता नहीं मिला। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से लौटने के लिए मजबूर थे। इस कारण जब स्थिति बिगड़ी, तो लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, और भगदड़ का माहौल बन गया।

3. पुलिस प्रशासन का मनमाना तरीका

हादसे के बाद एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, जिसमें बताया गया कि पुलिस ने रात के समय संगम से बाहर सो रहे श्रद्धालुओं को जबरन जगा कर संगम की ओर भेज दिया। यह प्रशासन की मनमानी का हिस्सा था, क्योंकि श्रद्धालुओं के आराम की स्थिति में व्यवधान डाला गया। इन अप्रत्याशित कदमों के कारण भी स्थिति अनियंत्रित हो गई।

हादसे के बाद प्रशासन की कार्रवाई

भगदड़ के बाद 80 एंबुलेंस संगम तट पर पहुंची, जो घायलों और मृतकों को अस्पतालों में ले जाने का काम कर रही थीं। इसके साथ ही, NSG कमांडो ने मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। संगम नोज पर श्रद्धालुओं की एंट्री बैन कर दी गई, और प्रशासन ने प्रयागराज के आसपास के जिलों में भी श्रद्धालुओं की एंट्री रोक दी। 25 शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाए गए, और जांच की प्रक्रिया जारी है।

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