सार
Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चले 45 दिन के महाकुंभ 2025 महोत्सव का समापन हो गया है। 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ मेला में आए। यह इतिहास में एक जगह पर लोगों का सबसे बड़ा जुटान रहा।
देशभर से भक्त कुंभ मेला में आ सकें इसके लिए रेलवे ने 16 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलाईं। रेलवे ने पहले 13 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलाने की तैयारी की थी, लेकिन मांग बढ़ने पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि रेलवे ने ये व्यवस्थाएं कैसे की।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सभी के सहयोग से हम मिलकर काम कर पाए। इसके चलते हम 16,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन कर सके। हम महाकुंभ के लिए लगभग 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम लेकर आए।"
भीड़ पर नजर रखने के लिए रेलवे ने बनाए वॉर रूम
रेल मंत्री ने बताया कि भीड़ कंट्रोल करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF), रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), राज्य पुलिस और विभिन्न रेलवे विभागों ने मिलकर काम किया। तीर्थयात्रियों के लिए विशेष होल्डिंग क्षेत्र बनाए गए। रियल टाइम में यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए स्टेशनों, क्षेत्रीय और मंडल स्तर पर वॉर रूम बनाए गए थे।
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वैष्णव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को भीड़ की तरह नहीं देखने का निर्देश दिया था। यह आस्था का पर्व था। इस आयोजन को लेकर हम सभी व्यवस्थाओं का विश्लेषण करेंगे। इसके बाद रेलवे परिचालन नियमावली में स्थायी बदलाव लाएंगे।"
महाकुंभ में 66.21 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कुंभमेला में 66.21 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। इसने दुनिया के सबसे बड़े इंसानों के जुटाव का रिकॉर्ड बनाया है। कुंभ मेला की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर हुई थी। इस दिन पहला अमृत स्नान था। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महा शिवरात्री के अवसर पर करोड़ों लोगों ने पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।
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